पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री, वाराणसी । शनि कि साढीसाती या ठाईया के लिए अतिउत्तम।
दरिद्रता को दुर कर लक्षमी धन प्राप्ती के लिए उतम् फलदायी।
हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष धारण करने का बड़ा ही महत्व माना जाता हैं, दैवीय गुणों से भरपूर रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का स्वरुप कहा जाता हैं। वैसे तो रुद्राक्ष कई प्रकार के पाये जाते हैं और सबका अपना अपना महत्व बताया जाता हैं। रुद्राक्षों में एक रुद्राक्ष 7 मुखी भी होता है जिसकी विशेषता जानकर आप हैरान हो जाएंगे। सात मुखी रुद्राक्ष को माता महालक्ष्मी का स्वरुप माना जाता है, और ऐसा कहा जाता हैं कि इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले के ऊपर शनिदेव की भी विशेष कृपा बनी रहती हैं।
जानकार कहते हैं की 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति की धन-संबंधी सभी समस्या दूर हो जाती है, धन आवक के नये-नये द्वार खुलने लगते है, जो व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति से परेशान है उन्हें इस 7 मुखी रुद्राक्ष को जरूर धारण करना चाहिए। पूरे परिवार को आर्थिक संकट से बचाने के लिए 7 मुखी रुद्राक्षकी स्थापना अपने घर के पूजा स्थल पर करनी चाहिए। कहा जाता है कि व्यक्ति की आय होने के बाद भी खर्चे आय से अधिक होने लगे तब भी 7 मुखी रुद्राक्ष लाभ पहुंचाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभ :
1- सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के आय स्त्रोतों में वृद्धि होने लगती हैं, माँ लक्ष्मी की कृपा ऐसे व्यक्ति पर सदैव बनी रहती है।
2- शनि की साढ़े साती या ढैय्या के समय 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने से लाभ मिलता और इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले परर शनिदेव भी प्रसन्न रहते है।
3- सरकारी नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण चाहिए।
4- सात मुखी रुद्राक्ष में सप्त ऋषियों का आशीर्वाद मिला होता है, इस रुद्राक्ष को धारण करने से शरीर में सप्त धातुओं की रक्षा होती है।
5- सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से स्नायु तंत्र से सम्बंधित रोगों में लाभ प्राप्त होता है।
6- मानसिक परेशानी, गठिया दर्द, हड्डी व मांसपेशियों में पीड़ा व अस्थमा जैसे रोगों में सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है।
7- सात मुखी रूदाक्ष दैवी का रूप एव साथ मे हनुमान कृपा होती है। कुडली मे मगलदोष एव काल सर्प दोष के निवारण होता।
बनते काम बिगड रहे है तो सात मुखी रूदाक्ष अवशय धारण करे।
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