सन् 2022 में मीन राशि का वार्षिक राशिफल जानें, पं. मनोज कृष्ण शास्त्री से

।।सन् 2022 में मीन राशि का वार्षिक राशिफल।।
मीन PISCES
(दी, दू, थ, झ, अ, दे, दो, चा, ची)

शुभरंग- पीला व भगवा,
शुभ अंक- 3 व 9,
शुभधातु- सोना,
शुभरत्न- पुखराज,
शुभवार- गुरुवार,
ईष्ट- सरस्वती पूजा से लाभ होगा, शुभमास- मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन,
मध्यममास– वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद. आश्विन व कार्तिक
अशुभमास– चैत्र।

मीन राशि के जातक का सुंदर भरा हुआ संतुलित शरीर रचना, मध्यम या ऊंचा कद, बड़ा मस्तिष्क एवं चौड़ा गोल चेहरा, श्वेत पीत वर्ण एवं सुगठित कंधे, आकर्षक चमकीली व कुछ बड़ी बड़ी आंखें, नेत्र कुछ उभरे से दिखाई दे, नरम मुलायम बाल, तीखे नयन नक्श, चुंबकीय एवं आकर्षक तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी होता है। राशि स्वामी गुरु शुभ हो तो मीन जातक तीव्र बुद्धिमान, ईमानदार, मानवीय गुणों से युक्त, परिश्रमी, सौम्य एवं विनम्र मधुर स्वभाव, महत्वकांक्षी, संवेदनशील, भावुक, सहृदय, संगीत, साहित्य एवं सौंदर्य के प्रति स्वाभाविक रूचि हो। तथा मीन राशि होने से जातक जल की तरह प्रत्येक प्रकार की परिस्थितियों में स्वयं को ढाल लेने की क्षमता रखता है। स्मरण शक्ति तीव्र होती है।

जातक विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं को विचलित नहीं होने देता, उच्च कल्पनाशील होने पर भी जातक की प्रबंधन शक्ति अच्छी होती है। वह अपने कार्य क्षेत्र में सक्रिय एवं विकासशील बना रहता है। राशिपति गुरु के कारण जातक हंसमुख, मिलनसार, परोपकारी, सरल एवं दयालु स्वभाव, धर्म परायण, सत्य निष्ठ, सेवाभावी, प्रेरणादायक, साधारण लोगों की भलाई एवं सहायता करने में उत्सुक, हस्तशिल्प, साहित्य, लेखन, गायन, धार्मिक, ज्योतिष एवं योग दर्शन आदि गूढ़ विषयों में विशेष रुचि रखने वाला। धैर्यवान, क्षमाशील, स्वाभिमानी, कई बार गंभीर रहस्यमई एवं गोपनीय आचरण करने वाला होता है।

मीन द्वि-स्वभाव राशि होने से जातक शीघ्रता से अपने मन की बात प्रकट नहीं कर पाता। कई बार दूसरों के लिए उन्हें समझना कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में जातक निष्कपट एवं सरल हृदय होते हुए भी संदेह के दायरे में आ जाते हैं। यदि जन्म कुंडली में चंद्र, गुरु शुभ भावों में स्थित हो अथवा उन दोनों का योग अथवा संबंध हो तो जातक महत्वकांक्षी, धार्मिक एवं पौराणिक आस्थाओं से युक्त दूसरों पर अधिकार जताने की प्रवृत्ति। तर्क-वितर्क करने में कुशल, व्यवहार कुशल होते हैं। अधिकांशतः मिलनसार प्रकृति के होते हैं। जातक नए-नए सृजनात्मक एवं मौलिक विचार सोचते रहते हैं। मीन जातक अपने परिवार एवं मित्रों के साथ विशेष प्यार और आसक्ति रखते हैं। अपने मित्रों का चुनाव भी बहुत ध्यान पूर्वक करते हैं। उनके मैत्री संबंध सामान्य जन से लेकर कुछ प्रतिष्ठित लोगों तक होते हैं।

द्वि-स्वभाव राशि होने से मीन जातक किसी कार्य विशेष में जल्दी से कोई निर्णय नहीं लेते परंतु जब गंभीर सोच विचार के बाद कोई फैसला करते हैं तो उस कार्य को पूरे उत्साह एवं तन्मयता से अंजाम देते हैं। यदि कुंडली में मंगल शुक्र का योग किसी अशुभ भाव में हो तो जातक विषय आसक्त, कामुक, मदिरा आदि मादक वस्तुओं का सेवन करने वाला, व्यंग पूर्ण एवं कठोर वाणी का प्रयोग करने वाला एवं अशांत चित्त वाला होता है।

इस वर्ष की दिन दशा, समय गति का चलन-कलन विगत वर्ष अपेक्षा कुछ न्यूनता का सूचक बना है। अतः विशेष लाभ मनोवृत्ति, उन्नत आर्थिक विनियोजना तथा विशेष मानसिक प्रलोभ एवं अनैतिक कार्य से बचाव का प्रयास रखें। अपितु नियोजित, सन्तुलित कार्य, व्यवसाय हेतु लक्ष्य साधना रखावें, साथ ही व्यय-अपव्यय, लेन-देन में अधिक स्पष्टता, सतर्कता रखें। इस वर्ष का कुयोग 55 प्रतिशत का तो सुयोग का मापक 45 प्रतिशत का बना है। इसी अनुपात से सर्व विषयक प्रतिफल समझें।

कुयोग गतिवश आकस्मिक व्यय-खर्चे का प्रतिफल, मानद जन-जीवन में कमी एवं अपवाद, राजकीय कार्य व्यवस्था में अवरोध, अपने स्वजनों से विवाद, विरोधाभास का प्रतिफल बनें। अप्रिय समाचार, यात्रा प्रवास, स्थानान्तरण, रकम आवक में अवरोध, व्यर्थ कार्यों में गति तथा मानसिक खेद बन पावें। सुयोगवश पूर्व संग्रहीत धन सम्पदा से सहयोग तथा आत्म बल, क्रिया शक्ति का प्रतिफल ठीक रह पावें। शरीर स्वास्थ्य पक्ष पर विशेष ध्यान रखें। कार्य व्यवसाय तथा सहयोगी वर्ग से एवं परिवार पक्ष से प्रतिफल सन्तोषजनक नहीं।

इस वर्ष 12 अप्रेल से दूसरे स्थान में राहु तथा आठवें स्थान में केतु का आगमन अशुभ फलदायक रहेगा। घर, परिवार में कुटुम्बीजनों, स्त्रियों से अनबन, विरोध, विद्याध्ययन में अरूचि या व्यवधान उत्पन्न होगा। व्यावसायिक कर्ज स्थावर मिलकत को हानिकारक रहेगा। आकस्मिक धन हानि, लोगों से विवाद-विरोध बढ़ेगा। नेत्र पीड़ा व गुह्य स्थान के रोग भी संभव है। 13 अप्रेल से जन्म राशि पर राशिपति गुरु का आगमन शारीरिक, मानसिक सुख व प्रसन्नता देगा। आशाजनक विचारों का उदय होगा। सन्तान पक्ष से प्रसन्नता, भाग्यवृद्धि तथा स्त्री सुख मिलेगा। वर्ष में 28 जुलाई से 23 नवम्बर तक गुरु का वक्रत्वकाल अधिक शुभफल प्रदान करेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धर्म-कर्म में रूचि बढ़ेगी। वर्ष में 29 अप्रैल से बारहवां शनि -अपनी मूल त्रिकोण राशि में स्वर्णपाद से प्रारंभिक साढ़ेसाती के रूप में गतिशील होगा। फलतः व्यय भार में वृद्धि होने से आर्थिक स्थिति कमजोर होगी।

संचित चल-अचल सम्पत्ति की हानि भी संभव है। किन्तु परोपकार, जनहित, शुभ कार्यों में किया गया व्यय सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करेगा। राशिपति गुरु का राहु व शनि के मध्य में गतिशील होना पापकर्तरी योग है प्रगति के मार्ग में अवरोधक है। 4 जून से शनि वक्री होकर 12 जुलाई से पुनः छः माह के लिये ग्यारहवें स्थान में ताम्रपाद से नष्ट धन की पुनः प्राप्ति में सहायक बनेगा। 23 अक्टूबर से शनि मार्गी होकर 17 जनवरी 2023 से पुनः बारहवें स्थान में रजतपाद से साढ़ेसाती के रूप में गतिशील होगा। फलतः कार्य व्यवसाय में लाभ होगा। शनि का राशिपति गुरु से सम सम्बन्ध है। फिर भी अनावश्यक वाद-विवाद मनोबल को कमजोर करेंगे। कार्य-व्यवसाय में सोच-समझकर ही कार्यों का निष्पादन करना चाहिये। शनि व राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिये दुर्गा/बटुक भैरव की उपासना करनी चाहिये। आरक्षण हेतु गुरुवार व्रत तथा सिद्ध विधान की शनि मुद्रिका धारण करना योग्य सन्मार्ग समझें।

।।मासिक राशिफल।।

जनवरी : संशय से बचें। व्यक्तिगत मुद्दे जल्द सुलझेंगे एवं व्यापार बिना रुकावट के चलेगा। संतानपक्ष चिंतित करेगा। बड़े निवेश के योग बनेंगे। प्रशासन से सहयोग मिलने से कार्य पूर्ण होंगे। सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता से आपकी छवि सुधरेगी। परिवार में कन्या संतति का जन्म होगा।
माह की 2, 3, 4, 7, 8, 12, 14, 18, 22, 25 व 28 तारीख लाभप्रद होगी।

फरवरी : साझेदारी में जाने से पहले परिवारजनों से विचार-विमर्श करना हितकर होगा। चिंताओं से ग्रसित रहेंगे। राहु का पराक्रम भाव में उच्चस्थ गोचर आपकी कीर्ति बढ़ाएगा। छात्रों का पढ़ाई से उच्चाटन होगा। सम्पत्ति को हानि से मन भ्रमित होगा।
महीने की 12, 11, 19, 20 व 29 को नया काम प्रारम्भ कर सकते हैं।

मार्च : गुरुजनों से आशीर्वाद लेकर किये गए कार्य सिद्ध होंगे। महिलाओं का काम का दबाव अधिक होगा। कार्यक्षेत्र में असहज महसूस करेंगे। जो परिचित बहुत समय से मिले नहीं है, वे भी आपसे मिलना चाहेंगे। रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे एवं धन का आगमन होगा। आपकी सफलता का परचम लहरायेगा।
माह की 5, 6, 7, 8, 9, 15, 16, 17, 18, 19, 24, 26, 28व 30 तारीख शुभ होगी।

अप्रैल : परिवार में कलह का माहौल हो सकता है। शेयर बाजार से लाभ मिलेगा। सूर्य का आपकी स्वराशि में गोचर आपका पराक्रम व दबदबा बढ़ाएगा। आय के नये स्रोत बनेंगे। आर्थिक क्षेत्र में चिंता बनी रहेगी। कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत आपको मनोवांछित तरक्की प्रदान करेगी। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। रोगों के प्रति सावधान रहें।
माह की 4, 7, 9, 13, 16, 18, 22, 25 व 26 को व्यर्थ वाद-विवाद से बचें।

मई : धार्मिक कार्यों में रूचि बढेगी। प्रशासन से सहयोग मिलेगा। गुरु का मीनराशि में गोचर वरिष्ठजनों व गुरुजनों से मुलाकात का योग बनायेगा। अप्रिय समाचारों से मन खिन्न होगा। यात्राओं के योग बनेंगे, जिससे मन प्रसन्न होगा। इच्छित पद या स्थानान्तरण से मन प्रसन्न होगा।
माह की तारीख 1, 2, 3, 9, 10, 11, 12, 15, 18, 20, 21 व 23 शुभ फलदायक है।

जून : यात्रा का योग है। परिवार में मतभेद होंगे तथा बदले की भावना मन में उत्पन्न होगी। मीडिया जगत व विदेशी व्यापार से जुड़े लोगों का सफलता प्राप्त होगी। कार्य विलम्ब से पूर्ण होने से मन रुष्ट होगा। प्रभु कृपा से कार्य पूर्ण होंगे।
माह की तारीख 2, 3, 12 व 21 यात्रा के लिए शुभ रहेगी।

जुलाई : ससुराल पक्ष से किसी शुभ समाचार के योग हैं। विद्यार्थी वर्ग मनपसंद कार्य से संतुष्ट होगा। कार्यक्षेत्र की जिम्मेदारियों का निर्वाह आप अच्छे से कर पायेंगे। धार्मिक आयोजनों में आपको जिम्मेदारी मिलेगी। वाहन दुर्घटना से धन की हानि होगी। शनि का लाभस्थान में स्वयं की राशि में गोचर लाभ प्रदान करेगा।
माह की 4, 6, 7, 13, 15, 16, 17, 22, 24 व 25 तारीख कोई वाणी पे खास नियंत्रण रखें।

अगस्त : समय के साथ चलना हितकर सिद्ध होगा। जीविका योग्य आय के स्रोत निरन्तर जारी रहेंगे। ऋण से मन त्रस्त होगा। वाणी से सभी प्रभावित होंगे। भूमि के मामले जल्दी निपटेंगे एव शत्रु पक्ष कमजोर होगा।
माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख को किसी शुभ समाचार से मन अत्यधिक प्रफुल्लितत होगा।

सितम्बर : वाहन चलते समय अथवा किसी वाहन पे चलते समय विशेष सावधानी बरतें। शरीर थका हुआ रहेगा एवं जीवनसाथी से आप चिंतित होंगे। विद्यार्थियों को अनुकूल परिणाम मिलेंगे। रुका हुआ पैसा निकलेगा। संपर्क व संवाद के लिए समय उत्तम है। धन का अपव्यय चिंता का विषय बनेगा।
माह की 4, 8, 14, 17, 22 व 26 तारीख को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

अक्टूबर : धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। कोर्ट-कचहरी के सुखद परिणाम मिलेंगे। परिवार के साथ से मन प्रसन्न होंगे। अति उत्साह आपकी क्षति पहुंचा सकता है। कानूनी विवाद, अधिकार व सुविधा को लेकर विवाद हो सकता है। धातु व वस्त्रों में निवेश होगा।
माह की 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24 व 27 तारीख शुभ फलदायी सिद्ध होंगी।

नवम्बर : पिता अथवा पितृतुल्य से आशीर्वाद लेकर किये कार्य सिद्ध होंगे। अपने कार्यों में किसी का हस्तक्षेप सहन नहीं होगा। परिवार की कलह से मन खिन्न होगा। मकान व रिश्तेदारों के कारण परेशानी हो सकती है। वरिष्ठजनों के सहयोग से व्यापार की उन्नति होगी। अचनाक हुई मुलाकात रिश्तों में बदल सकती है।
माह की 1, 8, 10, 17, 19, 26 व 28 तारीख को विशेषकर कोई भी कार्य पिता की सहमति से करें।

दिसंबर : परिवार के लिए शुभ। प्रशासनिक मामले उलझेंगे। समाजिक सहभागिता बढ़ेगी। स्वजनों से मिला धोखा मन को रुष्ट करेगा। कार्य की अधिकता से थकान महसूस करेंगे।
माह की 5, 14 व 23 तारीख मनोरंजन से भरपूर होगी।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848

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