कालीघाट वाले काकू ने अपनी कंपनी को बनाया था काला धन सफेद करने का जरिया, एगरोल बेचने वाले को बनाया था पार्टनर

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए कालीघाट वाले काकू यानि सुजय कृष्ण भद्र के खिलाफ जांच में कई अन्य चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि उसने अपनी कंपनी वेल्थ विजार्ड को काले धन को सफेद करने का मुख्य जरिया बना कर रखा था। शिक्षक नियुक्ति के एवज में राज्य भर से वसूले गए करोड़ों रुपये को इसी कंपनी के जरिए उसने ब्लैक से वाइट किया था। सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए कालीघाट वाले काकू ने एगरोल विक्रेता निखिल हाथी को अपनी कंपनी में डायरेक्टर बनाया।

केंद्रीय एजेंसियों की जांच में पता चला है कि वह पड़ोस में घर के सामने ठेला लगाकर अंडा रोल बेचता था। ईडी ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है। ईडी को दिए अपने बयान में काकू ने परोक्ष रूप से तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ अपनी ‘नजदीकी’ स्वीकार की है।

ईडी के अधिकारियों ने आरोप पत्र में उल्लेख किया है कि प्राथमिक नौकरी के इच्छुक लोग समस्याओं का सामना करने पर काकू से मिलते थे या नेताओं के माध्यम से पत्र भेजते थे। उन्हें लगता था कि अभिषेक बनर्जी से रिश्ते की वजह से काकू उनके मुद्दों को सही जगह उठा पाएंगे।

सुजॉय द्वारा नियंत्रित कंपनी ‘वेल्थ विजार्ड’ भर्ती घोटाले में उनके पैसे को सफेद करने का ‘जरिया’ थी। इसके अलावा काकू ने कंपनी ‘वेल्थ विजार्ड’ के निदेशक समर भूषण और उनके चाचा की विदेश यात्रा का खर्च उठाया था। इंडोनेशिया, मलेशिया, लंदन, पेरिस की यात्रा व्यय का भुगतान भी कंपनी के एकाउंट से किया गया है।

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