कोलकाता। आसनसोल के कंबल दुर्घटना मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व मेयर और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने के बावजूद वह जेल में हैं। सुनवाई से दो दिन पहले ही आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने नोएडा में जितेंद्र तिवारी को घेर कर तब गिरफ्तार कर लिया था जब वह अपनी पत्नी के साथ आगरा के लिए रवाना हुए थे।  उसके दूसरे ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी नहीं हो सकती। लेकिन चुकी वह पहले से पुलिस हिरासत में थे इसलिए उन्होंने आसनसोल कोर्ट में अपने लिए जमानत याचिका लगाई थी।

मंगलवार को इस पर सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई टाल दी गई जिसकी वजह से उन्हें जेल में ही रहना पड़ रहा है। शनिवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था और रविवार को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। इधर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी इस मामले में नहीं होनी चाहिए। जितेंद्र के अधिवक्ता शेखर कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर मंगलवार को जिला कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई। लंबे सवाल जवाब के बाद न्यायाधीश ने आगामी 23 मार्च तक मामले की सुनवाई टाल दी। इसलिए फिलहाल उन्हें जेल में रहना होगा।

उल्लेखनीय है कि दिसंबर महीने में उनकी पत्नी चैताली तिवारी ने शिव चर्चा और उसके बाद कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी मुख्य अतिथि थे। हालांकि उनके जाने के बाद कंबल लेने के लिए मची भगदड़ में दबकर एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी मामले में जितेंद्र और उनकी पत्नी सहित पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने नामजद प्राथमिकी दर्ज की है।

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