जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने विश्व स्तर पर 70वां स्थान और भारत में पहला स्थान हासिल किया

कोलकाता । क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2022 जारी की गई, जिसके अनुसार कानून के विषय की शिक्षा प्रदान करने वाले दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने एक बार फिर से भारत में प्रथम स्थान का दर्जा बरकरार रखा है। जबकि वर्ष 2021 की तुलना में इस साल इसकी ग्लोबल रैंकिंग बेहतर हुई और इसने छह स्थानों की छलांग लगाते हुए विश्व स्तर पर 70वां स्थान हासिल किया। विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित इस रैंकिंग में किसी भी नेशनल लॉ स्कूल के साथ-साथ भारत के किसी अन्य लॉ स्कूल को कोई स्थान प्राप्त नहीं हुआ जो प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष 75 लॉ स्कूलों में कोई स्थान पाने में सक्षम है।

जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल की वैश्विक रैंकिंग बेहतर हुई है, जो दर्शाता है कि इस संस्थान ने पिछले कई सालों से अपने स्तर को ऊँचा उठाने के प्रयास को बरकरार रखा है। वर्ष 2022 में दुनिया के शीर्ष 70 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल होने से पहले जेजीएलएस को वर्ष 2021 में 76वां स्थान प्राप्त हुआ था, जबकि वर्ष 2020 में इसे 101-150 के बीच स्थान दिया गया था। हालांकि, पिछले तीन सालों से भारत में नंबर 1 लॉ स्कूल के रूप में इसकी घरेलू रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

विषय के आधार पर जारी की गई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2022 में कुल मिलाकर 14.7 मिलियन से ज्यादा अद्वितीय दस्तावेजों का विश्लेषण किया गया, जिसमें तकरीबन 96 मिलियन प्रशंसात्मक उल्लेख शामिल थे। 51 विषयों में मोटे तौर पर पाँच बड़े विषय-क्षेत्रों के तहत कुल 1,543 संस्थानों को स्थान दिया गया, जिससे रैंकिंग के लिए 17,700 से अधिक प्रविष्टियां तैयार हुईं। कानून के विषय के लिए, क्यूएस ने 2022 में दुनिया के 1,118 संस्थानों का मूल्यांकन करने के बाद कुल 340 लॉ स्कूलों को रैंकिंग दी।

इस असाधारण उपलब्धि के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, नवीन जिंदल, संस्थापक कुलाधिपति, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, ने कहा, “लगातार तीसरे साल भारत के नंबर 1 लॉ स्कूल का स्थान हासिल करने के लिए जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल को बहुत-बहुत बधाई। इस साल जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल की वैश्विक रैंकिंग बेहतर हुई है, जो यह साबित करता है कि उत्कृष्टता की जिस भावना के साथ 12 साल पहले इसकी स्थापना की गई थी, वह वैश्विक महामारी से जुड़ी तमाम चुनौतियों के बावजूद भी कम नहीं हुई है। यह विश्वविद्यालय के नेतृत्व और प्रबंधन टीम के अथक प्रयासों के साथ-साथ हमारे प्रतिष्ठित प्राध्यापकों के उत्कृष्ट योगदान तथा छात्रों की कड़ी मेहनत की वजह से ही संभव हो पाया है।

हमेशा पहले से बेहतर करने का संकल्प ही जेजीएलएस को अकादमिक उत्कृष्टता, कानूनी प्रशिक्षण और अनुसंधान में लगातार नई ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा देता है। हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि, दुनिया के 70 सर्वश्रेष्ठ लॉ स्कूलों में किसी भारतीय विश्वविद्यालय का नाम शामिल है। मैं हमारे उप-कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार, सहित जेजीयू समुदाय के प्रत्येक सदस्य को बधाई देता हूँ, जिसमें सभी प्राध्यापक, छात्र और कर्मचारी शामिल हैं जिन्होंने साथ मिलकर इस उपलब्धि को संभव बनाया है। इस अवसर पर मैं दुनिया के उन सभी सहयोगी संस्थानों को भी धन्यवाद देना चाहूँगा, जिन्होंने जेजीयू के साथ सहयोग करके हमारे छात्रों के लिए असीमित संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।”

विषय के आधार पर रैंकिंग तैयार करने के लिए, क्यूएस मुख्य रूप से अकादमिक प्रतिष्ठा, नियोक्ताओं के बीच प्रतिष्ठा, प्रशंसात्मक उल्लेख और एच-इंडेक्स पर विचार किया जाता है, जो एक ऐसा सूचकांक है जिसमें संस्था के विद्वानों द्वारा प्रकाशित रचनाओं को उनके लंबे समय तक प्रभाव और गुणवत्ता की कसौटी पर परखा जाता है। जेजीएलएस ने शैक्षणिक प्रतिष्ठा में 77.9, नियोक्ताओं के बीच प्रतिष्ठा में 79.3, प्रशंसात्मक उल्लेख में 60.3 तथा एच-इंडेक्स में 45.4 अंक हासिल किए, और इस तरह कुल अंक 72.6 हो गया जिससे लॉ स्कूल को भारत में पहला तथा पूरी दुनिया में 70 वां स्थान हासिल करने में मदद मिली।

इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने पर, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार, संस्थापक उप-कुलपति, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने कहा, “केवल 12 सालों के दौरान जेजीएलएस का दुनिया के अव्वल दर्जे के लॉ स्कूलों में 70वें स्थान पर पहुँचना काफी मायने रखता है, क्योंकि इससे पता चलता है कि वैश्विक मानकों के अनुरूप कानूनी शिक्षा प्राप्त करने और अत्याधुनिक तरीके से शोध करने के लिए भारत की अहमियत लगातार बढ़ती जा रही है। कोविड -19 महामारी के दौरान कठिन परिस्थितियों में भी, जेजीयू ने न केवल चुनौती से निपटने की अपनी क्षमता को दिखाया है, बल्कि विभिन्न विषयों में शिक्षा, विश्व स्तरीय प्राध्यापकों तथा दुनिया भर में अपने सहयोग के जरिए छात्रों के लिए अवसरों के विस्तार के अपने मिशन को भी बरकरार रखा है।

प्राध्यापकों द्वारा किए गए शोध की गुणवत्ता भी बेहद महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, जिसने जेजीएलएस को प्रतिष्ठित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दुनिया में 70वें स्थान तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया है।” उन्होंने आगे कहा, “यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2020-21 के दौरान, जेजीएलएस के प्राध्यापकों ने 300 से अधिक अकादमिक शोध रचनाओं को प्रकाशित किया, जिनमें से 280 से अधिक शोध रचनाओं को स्कोपस की सूची में शामिल किया गया है, जो पूरी दुनिया में समकक्ष लोगों द्वारा देखी जाने वाली रचनाओं का सबसे बड़ा डेटाबेस है।”

प्रोफेसर (डॉ.) राज कुमार ने कहा, “नए स्तर के किसी भी लॉ स्कूल के लिए यह कोई छोटी संख्या नहीं हैं। 280 से अधिक प्रकाशित रचनाएँ यह दर्शाती हैं कि अकेले जेजीएलएस ने देश के सभी 23 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों की स्कोपस में सूचीबद्ध रचनाओं की कुल संख्या से दोगुनी रचनाओं का प्रकाशन किया है। इससे भारत के नंबर एक रैंक वाले लॉ स्कूल के रूप में जेजीएलएस के समर्पण के साथ-साथ सभी प्राध्यापकों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले शोध और छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता की बात सही साबित होती है।”

वर्ष 2009 में 10 प्राध्यापकों तथा 100 छात्रों के साथ जेजीएलएस ने अपने सफ़र की शुरुआत की थी, जिसमें आज लगभग 5,000 छात्र और 500 प्राध्यापक हैं। यह कानून, विधिशास्त्र तथा कानूनी अध्ययन जैसे विषयों में अंडर-ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट तथा मास्टर्स एवं डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करता है। अपने छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए, जेजीएलएस ने दुनिया के 250 से अधिक अग्रणी लॉ स्कूलों/यूनिवर्सिटी के साथ अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की है।

प्रोफेसर (डॉ.) राज कुमार ने आगे कहा, “कुछ साल पहले तक भारत की जमीन पर विश्व स्तरीय कानूनी शिक्षा प्रदान करना किसी सपने की तरह लगता था। आज यह खूबसूरत सपना वास्तविकता में बदल चुका है, जिसका श्रेय हमारे संस्थापक कुलपति एवं संरक्षक, श्री नवीन जिंदल की दूरदर्शिता, जेजीयू के संकाय सदस्यों के असाधारण प्रयासों तथा हमारे छात्रों की ईमानदारी और सच्ची लगन को जाता है।” जेजीयू की उपलब्धियों के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए, डॉ. अश्विन फर्नांडीस, क्षेत्रीय निदेशक, मध्य-पूर्व, अफ्रीका एवं दक्षिण-एशिया, क्यू.एस. क्वाक्वेरेली साइमंड्स, ने कहा, “विषय के आधार पर वर्ष 2022 के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने विश्व स्तर पर 70वां स्थान और भारत में पहला स्थान हासिल किया है जो भारत के लिए अत्यंत गौरव और सम्मान की बात है।

एक मशहूर कहावत है कि – कामयाबी हासिल करने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखता है, बल्कि यह तो हमारे अपने मन के द्वारा निर्धारित की गई एक सीमा है; और यहाँ यह बात निश्चित रूप से सही साबित होती है क्योंकि संचालन की शुरुआत के सिर्फ 12 वर्षों के भीतर ही जेजीयू सफलता के उच्च शिखर तक पहुँच गया है। क्यूएस ने पूरी दुनिया में कानून की शिक्षा प्रदान करने वाले 1118 से अधिक संस्थानों का मूल्यांकन किया और उनमें से 340 को अपनी सूची में स्थान दिया, जिससे यह दुनिया के सबसे बेहतर लॉ स्कूलों की बेहद खास और उत्कृष्ट सूची बन गई। जेजीयू में आप सभी को मैं बधाई देता हूँ और संस्थापक कुलपति प्रो. सी. राज कुमार के योगदान की विशेष रूप से सराहना करता हूँ, जिन्होंने भारत में एक विश्व स्तरीय संस्थान के निर्माण की कल्पना की तथा अपने अथक प्रयासों से इसे साकार किया।”

इस कामयाबी पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए, प्रोफेसर (डॉ.) एस.जी. श्रीजीत, एग्जीक्यूटिव डीन, जेजीएलएस, ने कहा, “जेजीएलएस को दुनिया के बेहतरीन लॉ स्कूलों की सूची में शामिल किया गया है, जो हमारे लिए वाकई एक सुखद अनुभव है। हमारे संस्थापकों की दूरदर्शिता को यहाँ मौजूद विश्वस्तरीय प्राध्यापकों का पर्याप्त सहयोग मिला है, और इस तरह भारत के एक अग्रणी लॉ स्कूल की स्थापना हुई जो इस श्रेणी में दूसरे संस्थानों से कहीं आगे है। ऐसा सिर्फ इसलिए संभव हो पाया क्योंकि जेजीएलएस के इस उद्देश्य को पूरे भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से छात्रों और उनके माता-पिता का बड़े पैमाने पर सहयोग मिला है। इसी वजह से यह लॉ स्कूल आज पूरी दुनिया में कानून की शिक्षा के लिए सबसे बेहतर स्थान बन गया है।”

जेजीएलएस की वैश्विक रैंकिंग में सुधार से संबंधित पहलुओं पर विचार करते हुए, प्रोफेसर अर्ज्य बी. मजूमदार, डीन, ऑफिस ऑफ बेंचमार्किंग एंड इंस्टीट्यूशनल ट्रांसफॉर्मेशन (ORBIT), ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने कहा, “विश्व के सर्वश्रेष्ठ लॉ स्कूलों में से 70वां स्थान हासिल करना इस बात का प्रतीक है कि, दुनिया भर में छात्रों, शिक्षाविदों और नियोक्ताओं के बीच जेजीएलएस की छवि लगातार बेहतर हुई है। सच्चाई यही है कि जेजीएलएस ने भारत में अपना नंबर 1 स्थान बरकरार रखा है और वैश्विक महामारी से प्रभावित वर्ष के दौरान भी अपनी वैश्विक रैंकिंग में सुधार किया है, जो यह बताता है कि शिक्षण और अनुसंधान के मानकों के क्षेत्र में जेजीएलएस की जड़ें कितनी गहरी हैं। निश्चित तौर पर क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग द्वारा दी गई इस मान्यता से हमें सामान्य रूप से भारतीय उच्च शिक्षा तथा विशेष रूप से जेजीएलएस को और अधिक गौरवपूर्ण बनाने की प्रेरणा मिलेगी।”

विषय के आधार पर इस साल की क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में स्थान प्राप्त करने से यह पता चलता है कि, JGLS ने कानूनी शिक्षा के मामले में भारत को वैश्विक मानचित्र पर ला खड़ा किया है। इस सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, प्रोफेसर दाबीरू पटनायक, रजिस्ट्रार, जेजीयू, ने कहा, “जेजीएलएस को दुनिया के शीर्ष 70 लॉ स्कूलों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे भारत में विश्व स्तरीय शिक्षा के जरिए भविष्य के ग्लोबल लीडर्स को तैयार करने के जेजीयू के मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जेजीएलएस को समाज के हर तबके से अविश्वसनीय समर्थन मिला है जिसने जेजीयू को तेजी से अपने क्षमताओं को बढ़ाने की प्रेरणा दी है। आज, जेजीयू में 12 स्कूल हैं जो सामाजिक विज्ञान एवं प्रबंधन तथा कला एवं मानविकी से जुड़े विभिन्न विषयों में कुल 52 कार्यक्रमों की पेशकश करते हैं। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग द्वारा दिए गए अंक बताते हैं कि, जेजीयू में जेजीएलएस के अलावा कई अन्य स्कूलों ने भी अपने संबंधित विषयों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त करने की दिशा में काफी प्रगति की है।”

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