भारत दुनियां का ग्रोथ इंजन बनेगा
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अनेक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता से भारत की विकास गाथा में दूरगामी सकारात्मक परिणाम आने की संभावना – एडवोकेट किशन भावनानी
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के हर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को एक विशिष्ट दर्ज़ा प्राप्त हो जाता है। यानें भारत की उपस्थिति से उस मंच पर एक अद्भुत वजन आ जाता है और सम्मेलन में चार चांद लग जाते हैं। यही कारण है कि हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पूछ परख होती है। बड़े-बड़े नेताओं की निगाहें भारतीय पीएम को ढूंढती नजर आती है। जैसे हमने टीवी चैनलों पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि के राष्ट्र प्रमुखों द्वारा ऑटोग्राफ, बॉस इत्यादि संबोधनों से देख चुके हैं। अब दिनांक 22-25 अगस्त 2023 को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है। जिसके लिए माननीय पीएम 22 अगस्त 2023 को सुबह रवाना हुए थे, चूंकि भारत की यह पौराणिक प्रवृत्ति रही है के दिल दिमाग में भारत के विकास की गाथाओं में नए-नए अध्याय जोड़ने की सोच हमेशा समाई रहती है। इसलिए हम हिंदुस्तानियों को उम्मीद है, जोहानेसबर्ग में भी हमें बल मिलेगा। जिस के सहयोग से विश्व मानवीय कल्याण के कामों को आगे बढ़ाते हुए भारत को विश्व गुरु बनाएंगे। ब्रिक्स के विस्तार की पुरजोर कोशिशें की जा रही है जिसमें चीन अपने समर्थकों पाकिस्तान, ईरान इत्यादि देशों को शामिल करना चाहता है।
वही भारत भी इस पक्ष में है कि कुछ देशों को जोड़ा जाए, जिसमें 23 देशों के नामांकन प्राप्त हुए हैं। वही दूसरी ओर विश्व में अमेरिका और नाटो देशों की पहली पसंद भारत होते जा रहा है। बता दें व्हाइट हाउस से जानकारी जारी हो गई है कि 7-10 सितंबर 2023 को अमेरिकन राष्ट्रपति जी-20 की सभा में शामिल होने भारत आ रहे हैं। वही चंद्रयान-3 की अंतरिक्ष के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग 23 अगस्त 2023 शाम 6.04 पर करीब-करीब सफलता से होना निश्चित है और ब्रिक्स बिजनेस फोरम में जिस तरह 23 अगस्त 2023 को देर रात्रि अपने संबोधन में भारत नें आर्थिक क्षेत्र की हुंकार भरी और भारत को जल्द तीसरी अर्थव्यवस्था में आने और विश्व का ग्रोथ इंजन बनने तेजी से बढ़ने की बात कही है। पीएम 23 अगस्त को ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होंगे। यह सम्मेलन 2 सत्र में होगा। 24 अगस्त को पीएम मोदी ब्रिक्स अफ्रीका आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। इस दौरे के दौरान दक्षिण अफ्रीका में पीएम कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। चूंकि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत के रुतबे को हम टीवी चैनल पर लाइव देख रहे हैं। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-25 अगस्त 2023 के बिजनेस फ़ोरम में भारत का आगाज।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम के 22 अगस्त 2023 के देर रात्रि बिजनेस फ़ोरम में संबोधन की करें तो, ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ब्रिक्स देशों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के बावजूद आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। जल्द ही भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस बारे में कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में भारत विश्व का ग्रोथ इंजन होगा। यह इसलिए है क्योंकि भारत ने आपदा और मुश्किलों के समय को आर्थिक सुधार के अवसर में परिवर्तित किया है। पीएम ने आगे कहा कि भारत में जीएसटी और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लागू होने के बाद निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र अब प्राइवेट सेक्टरों के लिए खोले गए हैं। हमने टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के साथ वित्तीय समावेशन में एक छलांग लगाया है। देश में आज स्ट्रीट वेंडर से लेकर शॉपिंग मॉल तक यूपीआई का उपयोग किया जा रहा है। हम भारत को सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रहे हैं। वहीं ब्रिक्स बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा, हमें वैश्विक वित्तीय संस्थानों में बुनियादी सुधार की आवश्यकता है ताकि वे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने आनेवाली चुनौतियों के प्रति अधिक चुस्त और उत्तरदायी हो सकें।
साथियों बात अगर हम 22 अगस्त 2023 को सुबह ब्रिक्स सम्मेलन के लिए जाते समय पीएम के ट्वीट की करें तो, उन्होंने लिखा मैं दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति महामहिम श्री सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22 से 24 अगस्त 2023 तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ़्रीका गणराज्य का दौरा कर रहा हूं। दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में जोहान्सबर्ग में आयोजित होने वाला यह 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है।ब्रिक्स विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक मजबूत सहयोग एजेंडा अपना रहा है। हम इस बात को महत्व देते हैं कि ब्रिक्स विकास की अनिवार्यताओं और बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार सहित संपूर्ण ग्लोबल साउथ की चिंता के मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने का एक मंच बन गया है। यह शिखर सम्मेलन ब्रिक्स को भविष्य के सहयोग वाले क्षेत्रों की पहचान करने और संस्थागत विकास की समीक्षा करने का एक उपयोगी अवसर प्रदान करेगा।जोहान्सबर्ग में अपने प्रवास के दौरान, मैं ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग कार्यक्रम में भी भाग लूंगा जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की गतिविधियों के हिस्से के रूप में आयोजित किया जाएगा।
मैं उन अनेक अतिथि देशों के साथ बातचीत करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जिन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। मैं जोहान्सबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने के लिए भी उत्सुक हूं। बता दें 2019 के बाद पहली बार ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता एक मंच पर दिखाई देंगे। कोरोना महामारी और उसके बाद के वैश्विक प्रतिबंधों के उभरने के बाद व्यक्तिगत रूप से आयोजित होने वाला पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा।पीएम 24 अगस्त तक जोहानिसबर्ग में रहेंगे। इस दौरान वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। सम्मेलन के बाद अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका की ओर से आमंत्रित अन्य देश शामिल होंगे। पीएम जोहानिसबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
साथियों बात अगर हम सम्मेलन में भारत चीन मुलाकात की करें तो, विदेश सचिव ने कहा, जोहानिसबर्ग से, पीएम ग्रीस जाएंगे, जहां वह दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों को विस्तार देने पर वहां के पीएम के साथ व्यापक बातचीत करेंगे। ब्रिक्स सम्मेलन से इतर भारत व चीन में द्विपक्षीय बैठक की संभावना पर बोले, पीएम का कार्यक्रम अभी भी तैयार किया जा रहा है। दोनों के बीच मुलाकात की संभावनाएं हैं। दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्व भारत ने कहा कि वह पांच सदस्यों वाले ब्रिक्स समूह के विस्तार को लेकर सकारात्मक है। विदेश सचिव ने कहा, जहां तक ब्रिक्स के विस्तार का सवाल है, हम शुरू से ही स्पष्ट रहे हैं कि जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हमारा इरादा सकारात्मक और खुला है। उन्होंने बताया, अब तक 23 देशों ने इसकी सदस्यता के लिए आवेदन किया है। ये दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के शेरपाओं के बीच चल रही मौजूदा चर्चा का विषय हैं और मैं चर्चा के परिणाम का अनुमान नहीं लगाना चाहता।
साथियों बात अगर हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बैठक के एजेंडे की करें तो, ब्रिक्स समेलन इस बार राजनीतिक और सामाजिक आर्थिक समन्वय के क्षेत्रों पर केंद्रित होग। इसमें सदस्य देश व्यापार के अवसर, आर्थिक आपूर्ति और सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करेंगे। ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में दक्षिण अफ्रीका पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसमें वैश्विक संस्थानों में सुधार और शांति प्रक्रियाओं में महिलाओं की सार्थक भागीदारी को मजबूत करना भी शामिल है। मीडिया अनुसार, सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, अल्जीरिया, मिस्र और इथियोपिया सहित 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स समूह में शामिल होने में रुचि दिखाई है। शिखर सम्मेलन के एजेंडे में ब्लॉक के विस्तार पर चर्चा होने की संभावना है। यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर कूटनीतिक अलगाव का सामना कर रहे रूस ने विस्तार का समर्थन किया है। चीन ने भी समूह के विस्तार का समर्थन किया है। वहीं, भारत की सबसे बड़ी चिंता यह है कि ब्रिक्स चीन-केंद्रित ब्लॉक न बन जाए। इससे पहले अगस्त में ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा था कि वह ब्रिक्स समूह में और अधिक देशों के शामिल होने के पक्ष में हैं।
साथियों बात अगर हम जी-7 बनाम ब्रिक्स की करें तो करें तो, वाणिज्य मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स दुनिया के विकास का इंजन है और विनिर्माण प्रक्रिया में उल्लेखनीय बदलाव के साथ इस पांच सदस्यीय संगठन की अर्थव्यवस्था जी-7 देशों की संयुक्त जीडीपी तक पहुंचने वाली है। वे सोमवार को ब्रिक्स विनिर्माण कारोबार सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मौजूद 30 से अधिक देशों केप्रतिनिधियों के सामने उन्होंने कहा, हम जो विनिर्माण करते हैं, जैसे करते हैं और किसके लिए करते हैं, 21वीं सदी में इन सबमें महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।गौरतलब है कि ब्रिक्स में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश शामिल हैं। ये समूह वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत,वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करउसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-25 अगस्त 2023 के बिजनेस फ़ोरम में भारत का आगाज। भारत दुनियां का ग्रोथ इंजन बनेगा। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अनेक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता से भारत की विकास गाथा में दूरगामी सकारात्मक परिणाम आने की संभावना है।