भारतीय भाषाएं नदियाँ हैं और हिंदी महानदी- इसी मूलमंत्र के साथ खड़गपुर कारखाना में हिन्दी सप्ताह का समापन समारोह हुआ संपन्न

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : 14 सितम्बर,1949 को हिंदी को संवैधानिक दर्जा मिला। तब से सम्पूर्ण भारत में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। खड़गपुर कारखाना में 14 सितम्बर से 19 सितम्बर तक हिंदी सप्ताह मनाया गया। 19 सितम्बर को हिंदी सप्ताह समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया।कर्मचारियों के लिए इस अवसर पर हिंदी निबंध, हिंदी वाक् प्रतियोगिता, हिंदी टिप्पण व प्रारुप लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि खड़गपुर कारखाना के मुख्य कार्य प्रबंधक, बिजय कुमार रथ थे। उप मुख्य राजभाषा अधिकारी, प्रताप नारायण भट्टाचार्य ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया। इस अवसर पर हिंदी में प्रशंसनीय कार्य करने हेतु अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। सीनियर एएफए शंकर दूबे, प्राचार्य(एसटीसी) पी. एन. भट्टाचार्य, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (सवारी डिब्बा) प्रमोद कुमार पटनायक, सहायक कार्य प्रबंधक (डीजल) कृष्ण पद बोस, सहायक बिजली इंजीनियर अभिषेक श्रीराम, सहायक कार्मिक अधिकारी शंखाई हेम्ब्रम तथा अन्य अधिकारियों को उनके वर्ष 2020-21 के दौरान राजभाषा हिंदी में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु मुख्य कार्य प्रबंधक के करकमलों द्वारा पुरुस्कृत किया गया।

कर्मचारियों में सीएच रोजा, कुमार अमित, रंजन कुमार, गीता कुंडु, राजश्री राय, तारकेश्वर राव, शुभम कुमार, एस.भी. रमणा तथा अन्य को प्रशस्ति पत्र व नकद राशि देकर पुरस्कृत किया गया। हिंदी निबंध प्रतियोगिता, वाक् प्रतियोगिता व हिंदी टिप्पण व प्रारुप लेखन प्रतियोगिताओं के विजेताओं यथा रंजन कुमार त्रिपाठी, अमोद कुमार, प्रकाश रंजन, रितेश कुमार, रुपेश कुमार, धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय, कुमार गौरव आदि को प्रशस्ति पत्र व नकद राशि देकर पुरुस्कृत किया गया।

डीजल विभाग के राजभाषा सचिव ने अपनी एक स्वरचित कविता रावण दहन का वाचन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजभाषा विभाग के वेद प्रकाश मिश्र, पासवान व राजभाषा सचिवों में मनीष चंद्र झा, विष्णुरुप खोबड़ागरे तथा वी श्रीनिवास, मदन कुमार आदि का योगदान सराहनीय रहा। मुख्य अतिथि बिजय कुमार रथ ने बधाई दी। उप मुख्य राजभाषा अधिकारी प्रताप नारायण भट्टाचार्य ने कहा कि रवीन्द्रनाथ टैगोर के उक्ति- भारतीय भाषाएं नदियाँ हैं एवं हिंदी महानदी, को कार्यक्षेत्र में अपनाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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