वेलिंग्टन। पिछले कुछ वर्षों में, इंग्लैंड ने पुराने अंदाज में खेलने के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे वह पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय सफेद गेंद वाले क्रिकेट की प्रमुख टीम के रूप में उभरे है। उस दबदबे को तब और बल मिला, जब इंग्लैंड ने 13 नवंबर को एमसीजी में आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप 2022 जीता और एक ही समय में 20 ओवर और 50 ओवर की विश्व कप ट्राफियां हासिल करने वाली पहली टीम बन गई।
सफेद गेंद के वर्चस्व का इंग्लैंड का खाका कुछ ऐसा है, जिसे भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री चाहते हैं कि टीम 2024 टी20 विश्व कप के लिए अपने समृद्ध प्रतिभा पूल का अनुसरण करे और उसका उपयोग करे, जिसकी शुरूआत हार्दिक पांड्या की अगुवाई वाली टीम के न्यूजीलैंड से वेलिंग्टन में शुक्रवार से तीन मैचों की टी20 सीरीज से हो रही है।
शास्त्री ने प्राइम वीडियो द्वारा आयोजित वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भविष्य में इस टीम के पास खिलाड़ियों के लिए भूमिकाओं की पहचान करने, मैच विजेताओं के साथ-साथ उनके कर्तव्यों को देखने और इंग्लैंड के खाके पर जाने का अवसर है। क्योंकि वे एक ऐसी टीम हैं जिसने वास्तव में 2016 (टी20) विश्व कप, (2015 वनडे विश्व कप) के बाद अपने तरीके को बदल कर बेहतर करना जारी रखा है।”
उन्होंने कहा, “हम अपने संसाधनों को बदलने जा रहे हैं। हम खेल के उस प्रारूप के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की पहचान करेंगे। चाहे वह टी20 हो या 50 ओवर का क्रिकेट।” इंग्लैंड ने कैसे बदलाव लाया, इस बारे में आगे बोलते हुए, विशेष रूप से टी20 क्रिकेट में, शास्त्री ने कहा, “इसका मतलब यह है कि अगर कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी बाहर बैठेंगे, तो ऐसे युवा मिलेंगे, जो निडर हैं और खेल के अनुकूल हैं।”