कोलंबो। गत विजेता श्रीलंका को उसकी सरजमीं पर हरा कर भारतीय टीम रविवार को एशिया कप का खिताब आठवीं बार अपने नाम करने के इरादे से कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम पर उतरेगी। अगले महीने पर भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप से पहले रोहित सेना के लिए यह खिताब आत्मविश्वास बढाने वाली टॉनिक के रूप में होगा। दोनों टीमों ने कुल मिलाकर आश्चर्यजनक रूप से 13 एशिया कप खिताब जीते हैं, जिसमें भारत ने सात और श्रीलंका ने छह खिताब जीते हैं।
श्रीलंका के लिए यह ट्रॉफी की गिनती बराबर करने और बुरे समय से गुजर रहे हर श्रीलंकाई को गौरवान्वित करने का अवसर है, और निश्चित रूप से खिलाड़ी इस अवसर पर खड़े होने और खिताब जीतकर दबे हुए लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए तैयार होंगे। यह अंतिम मुकाबला इस टूर्नामेंट में पहले के मुकाबले का रीमैच है, जहां भारत उसी स्थान पर एक चुनौतीपूर्ण टर्नर ट्रैक पर कम स्कोर वाले थ्रिलर में विजयी हुआ था।
वह मैच दोनों टीमों की दृढ़ता और कौशल का प्रमाण था, और इसने एक रोमांचक फाइनल होने का मंच तैयार किया। उस पिछली प्रतियोगिता के घाव अभी भी ताज़ा हैं, और दोनों पक्ष एक बार फिर अपनी क्षमता साबित करने के लिए उत्सुक होंगे। आमने-सामने की बात करें तो वनडे में श्रीलंका और भारत 166 मैचों में एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं। इनमें से श्रीलंका ने 57 जीते हैं, जबकि भारत 97 मौकों पर बाजी मार ले गया और एक मैच टाई रहा।