इंडिपेंडेंट रिसर्च एथिक्स सोसाइटी का 253वां आयुष समृद्धि वेबीनार संपन्न

कोलकाता : इंडिपेंडेंट रिसर्च एथिक्स सोसाइटी का 253वां आयुष समृद्धि वेबीनार शनिवार शाम 4 से 6 बजे तक ऑनलाइन सम्पन्न हुई। शनिवार को यूनिवर्सल चिल्ड्रेन्स डे के उपलक्ष में ‘आयुष चिल्ड्रेन केयर फॉर नेक्स्ट जेन’ विषय का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मेजबान डॉ. पवन कुमार शर्मा ने ईश्वर वंदना से शुरू किया, आगे के कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति लेखनी, कोलकाता से आयुर्वेद चिकित्सक ने किया। पहले वक्ता डॉ. लक्ष्मीप्रिया दे, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट, प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग IPGTRA , जामनगर गुजरात ने बहुत अच्छे से गर्भ संस्कार से नवजात शिशु की देख-रेख में आयुर्वेद की भुमिका को बताया। सुवर्ण प्रशना का महत्व अगले वक्ता ने भी किया। डॉ. वीरेंदर कुमार, आयुर्वेद बाल रोग विशेषज्ञ, कौमारभृत्य अपैक्स इंस्टिट्यूट मिर्ज़ापुर ने बहुत ही अच्छी अच्छी जानकारिया दी तथा आयुर्वेद के विशेष चिकित्सा के बारे में बताया। यह कार्यक्रम यूट्यूब में लाइव स्ट्रीम हुआ, इसका लाभ आपसभी ले सकते हैं।

स्वर्ण प्राशन का महत्व यहाँ बताना जरुरी हैं। प्राशन मतलब जो लेह या चट्टान, शोधित स्वर्ण भस्म संग मधु, घृत और अलग-अलग जड़ी बूटियों द्वारा बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत उपयोगी है। कोरोना के भीषण समय में ये आयुर्वेद की दवा बहुत ही लाभकारी साबित हुई है। जन्म से सोलह साल की उम्र के बच्चों को हर महीने ये दवाई आयुर्वेद के चिकित्सक के देख रेख में दी जाती हैं। पुष्य नक्षत्र में इसे देना खास बात है। इसका 6 महीने का कोर्स होता है। सामान्यत: इससे बच्चो की मानसिक और शारीरिक उन्नति होती है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने आस-पास के रजिस्टर्ड आयुर्वेदिक डॉक्टर या संस्थानों में मिले।

पूरा कार्यक्रम सुनने के बाद आपको आश्चर्य होगा कि आयुर्वेद में कितना दम है। सही कहा है कि अंग्रेज़ो और गुलामी की दौरान हम अपनी चिकित्सा पद्धति जो की हज़ारो साल से चली आ रही थी भूल गए। जरा सोचिए आज से दो सौ साल पहले जब एलोपैथिक चिकित्सा का जन्म भी नहीं हुआ था तो लोग कैसे स्वस्थ रहते थे? कैसे अपने रोगों का निवारण करते थे? आज विदेशी भी आयुर्वेद में रूचि दिखा रहे हैं। हम लोगों को भी सही जगह तथा सही लोगों से आयुर्वेद की छोटी व बड़ी बातों को जानना चाहिए।

डॉ. पवन शर्मा की टीम, डॉ. देबनाथ, डॉ. ठक्कर, डॉ. अग्निहोत्री, डॉ. पाटणकर, डॉ. लेखनी, डॉ. विष्णु जी इत्यादि को साधुवाद इस आयुर्वेद रूपी गंगा को आगे बढ़ाने के लिए। आने वाले दिनों में और भी बड़े काम होंगे, अगर किसी को आयुर्वेदिक मेडिकल कैंप, अवेयरनेस सेमिनार रखनी हो तो बेझिजक IRES की टीम को संपर्क करे। आईये आयुर्वेद को ठीक से समझे, अपनाये और स्वस्थ रहे।

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