बालासोर ट्रेन दुर्घटना में कई स्तरों पर हुई थी चूक, जांच रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली। बालासोर ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना की जांच कर रहे रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय रेलवे के सिग्नलिंग और टेलीकॉम विभाग में कई स्तरों पर हुई खामियों को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये ट्रेन हादसा नॉर्थ सिग्नल गुमती पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-अल्टरेशन में हुई खामियां और स्टेशन के गेट नंबर 94 पर लेवल क्रॉसिंग के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य की वजह से हुआ। हालांकि, रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस रिपोर्ट पर चुप्पी साधे हुए हैं।

सीआरएस के अलावा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच कर रही है। सूत्रों ने कहा कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच करने वाले दक्षिण पूर्वी सर्कल के सीआरएस एएम चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि सिग्नल एंड टेली कम्युनिकेशन विभाग में कई स्तरों पर खामियां इसके (हादसे के) लिए जिम्मेदार थीं।

सूत्र ने कहा कि रिपोर्ट में बताया गया है कि एलसी94 पर मरम्मत कार्य किया गया था। शाम 4.20 बजे कनेक्शन काटने का आदेश दिया गया था और 2 जून को उसी दिन शाम 4.50 बजे जोड़ दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, जबकि सिग्नल एंड टेली कम्युनिकेशन विभाग के कर्मचारी कनेक्शन होने के बावजूद सर्किट पर काम कर रहे थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेन हादसा नॉर्थ सिग्नल गुमती पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-अल्टरेशन में हुई खामियां और स्टेशन के गेट नंबर 94 पर लेवल क्रॉसिंग के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग काम के कारण हुआ। स्टेशन की अप लूप लाइन (कॉमन लूप) पर खड़ी मालगाड़ी से ट्रेन नंबर 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) की पीछे से टक्कर हो गई।

हावड़ा-एसएमवीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के आखिरी दो डिब्बे, जो उसी समय स्टेशन की डाउन मुख्य लाइन से गुजर रहे थे, कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गए और पलट गए। ज्ञात हो कि 2 जून की शाम को ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 293 लोग मारे गए थे और 1000 से अधिक घायल हुए थे।

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