संबलपुर। देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक आईआईएम संबलपुर ने अपने छठे और सातवें वार्षिक दीक्षांत समारोह का संयुक्त आयोजन किया। छठे (2020-22) और सातवें बैच (2021-23) के वार्षिक दीक्षांत समारोह के साथ एक और शैक्षणिक वर्ष सफलतापूर्वक पूराहो गया है। ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रोफेसर श्रीगणेशी लाल, जेपी मॉर्गन चेज लिमिटेड की एमडी डॉ. सुकन्या मिश्रा, आईआईएम संबलपुर के निदेशक मंडल की चेयरमैन और सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य और आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल की मौजूदगी में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में संस्थान के संकाय सदस्य, समर्पित कर्मचारियों की टीम, उत्साही छात्र, भारत सरकार और ओडिशा सरकार के प्रतिष्ठित अतिथि और बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी भी शामिल हुए।
ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रोफेसर श्रीगणेशी लाल ने स्नातक उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘स्थितियों का बदलना यानी पुनरुत्थान दरअसल एक ऐसा शब्द है, जिसे वास्तविक नहीं माना जा सकता। इसलिए यह आवश्यक नहीं कि जाग्रत अवस्थामें हम जो कुछ देख रहे हैं, वह निश्चित है, या वही सत्य है। जब सब कुछ असत्य प्रतीत होता है, तो मैनजर को ही मैनेज करना होता है और यही एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से हम अवास्तविकता को वास्तविकता में बदल सकते हैं। इसीलिए जब हमें कुछ खोजने की प्यास सताती है, तो हमारी नींदें उड़ जाती हैं और जब आप कुछ हासिल कर लेते हैं, तो आपको आनंद की प्राप्ति होती है और अगर आप खुश हैं तो यही जीवन का असली उत्सव है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘जीवन के हर मोड़ पर हमें चुनौतियों और मुश्किलों को साधना होता है और यही असली प्रबंधन है। इसलिए जहां तक चीजों के प्रबंधन का सवाल है, मेरे विचार में प्रेम के सरल प्रबंधन के अलावा और कुछ नहीं है। प्रेम वह सार है जो सभी पदार्थों और यहां तक कि मन और चेतना को भी विलीन कर देता है। विवाह और सांसारिक ज़िम्मेदारियाँ प्रेम को प्रबंधित करने के अवसर हैं। भौतिक संपदा प्रेम की विशालता की तुलना में फीकी है। प्रेम शिकायतों, प्रतिस्पर्धा और विरोधाभासों से परे है। यह सादगी, विनम्रता, प्रेरणा और उदारता का प्रतीक है।’’
आईआईएम संबलपुर के निदेशक मंडल की चेयरमैनऔर सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने इस अवसर पर कहा, ‘‘आज हम एक ऐसे दौर में हैं, जहां इनोवेशन और टैक्नोलॉजी के जरिये दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है। ऐसी सूरत में आईआईएम संबलपुर के ग्रेजुएट के तौर पर यह आप सबकी जिम्मेदारी है कि आप न केवल आगे बढ़ें, बल्कि इस बदलती दुनिया के नवनिर्माण में वास्तुकार की भूमिका भी निभाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मानव सभ्यता ने रचनात्मकता के माध्यम से अपनी विकास की कहानी रची है। आप सबको इस यात्रा को और आगे बढ़ाना है। जब आप अपनी यात्रा शुरू करते हैं, तो यह याद रखें कि उत्कृष्टता सिर्फ एक बार के लिए हासिल करने का नाम नहीं है, बल्कि आपको इसे एक आदत के रूप में अपनाना होगा और हमेशा बेहतर करने का प्रयास करना होगा। इस दुनिया में आप जो बदलाव देखना चाहते हैं, उसके अनुरूप खुद को ढालें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि हमेशा सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करें। भविष्य आपके हाथों में है। इसे खुले दिल और दिमाग से अपनाएं।’’
आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने कहा, ‘‘एक नवीनतम और आधुनिक पीढ़ी के आईआईएम केरूप में आईआईएम संबलपुर तीन मुख्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करता है-टीचिंग, रिसर्च और इन्क्यूबेशन। संस्थान ने जेंडर डाइवर्सिटी के मामले में दूसरे तमाम आईआईएम के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आईआईएम संबलपुर के विद्यार्थियों ने इस साल घरेलू मोर्चे पर उच्चतम पैकेज 64.61 लाख रुपए प्रति वर्ष का हासिल किया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर 64.15 लाख रुपए प्रति वर्ष के पैकेज के साथ उल्लेखनीय 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल किया है। यह असाधारण उपलब्धि पिछले वर्ष की तुलना में 146.7 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्शाती है। इसके अलावा, औसत वेतन में 26 प्रतिशत और 29 प्रतिशत की आशाजनक वृद्धि हुई है, जो अपने स्नातकोंके लिए समृद्ध कैरियर के अवसर प्रदान करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’