उत्सव मनाने में सेंट्रल टीम की जरूरत पड़ती है तो पुलिस के भरोसे मतदान कैसे होगा : दिलीप घोष

मालदा। दिलीप घोष दो दिवसीय मोर्चा के प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने मालदा पहुंचे। इस दौरान दिलीप घोष ने फैक्ट फाइंडिंग टीम के मालदा टाउन स्टेशन आने के संदर्भ में कहा कि यह सरकार पश्चिम बंगाल में किसी भी घटना को हैंडल नहीं कर सकती है और न ही इसकी जांच कर सकती है। उन्हें दबाने की कोशिश करके दोषियों को सजा नहीं देती। स्वाभाविक रूप से, लोग मांग करते हैं कि सच्चाई सामने आए। इसलिए बार-बार पत्र लिखे जाते हैं, आवेदन किए जाते हैं। कई बार तथ्यान्वेषी टीम घटना स्थल पर पहुंच जाती है।

चूंकि इतना बड़ी घटना हो गई इसलिये इसकी पूरे देश-दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि अगर इस राज्य में महोत्सव कराना है तो केंद्रीय टीम से कराना होता है। अगर चुनाव में केंद्रीय टीम नहीं होगी तो वोट देने नहीं जाएंगे। दिलीप घोष ने इस संदर्भ में कहा, पिछले पंचायत चुनाव में रायगंज में एक शिक्षक की हत्या कर दी गई थी।

उसकी मौत कैसे हुई, यह कोई नहीं जानता। हम यह नहीं कह सकते कि दोषियों को सजा मिली है या नहीं। इसलिए सरकारी कर्मचारी मतदान कराने से डर रहे हैं। जब उनके जीवन में सुरक्षा नहीं होगी तो वे मतदान कराने कैसे जाएंगे। मतदाता मतदान नहीं कर सकते, नामांकन की अनुमति नहीं है। लोग मतदान करने से ही डरते हैं।

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