सर्दियों में कैसे रखें हाइजीन का ख्याल

कोलकाता : सर्दियों का मौसम आ गया है, ऐसे में हमारे गर्म स्वेटर, स्कार्फ और कंबल भी बाहर निकल आए हैं। इस सीज़न में शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना और शरीर को सही पोषण देना बहुत ज़रूरी है। साथ ही अपने आप को गर्म रखना तथा अस्थमा, खांसी, छाती में कंजेशन एवं अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहना भी महत्वपूर्ण है। इस सीज़न में कुछ बीमारियां मौसम बदलने के कारण होती हैं।

वहीं कुछ बीमारियों हाइजीन या साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखने के कारण भी होती हैं। डॉ चमन राम वर्मा, निम्स युनिवर्सिटी, जयपुर, सेवानिवृत प्रोफेसर एवं हैड- पीडिएट्रिक मेडिसिन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर कहते है की कैसे सर्दियों में रखें हाइजीन का ख्याल। यहां हम बच्चों और व्यस्कों के लिए हाइजीन के कुछ सुझाव लेकर आए हैं, जिससे वे बीमारियों और एलर्जी से बचे रह सकते हैं।

नियमित रूप से नहाएं: जी हां, आपने ठीक पढ़ा! सर्दियों में हम कई बार ठंड की वजह से नहाने से बचते हैं। सर्दियों में गुनगुने पानी से नहाने से शरीर पर हाइपोथर्मिक प्रभाव उत्पन्न होता है। इसके लिए आप सैवलॉन ग्लीसरीन सोप जैसे साबुन और गुनगुने पानी से नहाएं। गुनगुने पानी से शरीर में गर्मी आती है, इस हाइपोथर्मिक प्रभाव का आपके दिल के स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है। आपकी हार्ट रेट सही बनी रहती है, जो सर्दियों में कम हो सकती है।

ध्यान रखें कि आपके कमरे में अच्छा वेंटीलेशन हो: सर्दियों में लोग ठंडी हवा से बचने के लिए दरवाज़े खिड़कियां बंदकर देते हैं, लेकिन इस मौसम में भी ज़रूरी है कि कमरे में ताज़ी हवा और धूप आए। कमरे को लगातार बंद रखने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। दरवाज़े-खिड़कियां खुले रखने से ताज़ी हवा और धूप भीतर आती है, जिससे बैक्टीरिया नहीं पनप पाते।

हाथों को नियमित रूप से धोएं: ज़्यादातर इन्फेक्शन खासतौर पर रेस्पीरेटरी इन्फेक्शन हाथों के ज़रिए ही फैलते हैं। खासतौर पर छोटे बच्चों में इन्फेक्शन की संभावना अधिक होती है, क्योंकि वे अपने हाथों को अच्छी तरह नहीं धोते। इससे हाथों में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और खाने के साथ शरीर के भीतर चले जाते हैं। इसलिए खाना बनाने और खाने से पहले, बाद में, बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद हर बार हाथों को अच्छी तरह धोएं। इसके लिए डिस्इन्फेक्टेन्ट साबुन का उपयोग करें, साबुन लगाने के बाद कम से कम 20 सैकण्ड तक हाथों को रगड़ें, इससे जर्म्स निकल जाएंगे।

बार-बार छुई जाने वाली सतहों को डिस्इन्फेक्ट करें: कोरोनावायरस और ऐसी अन्य बीमारियों से बचने के लिए न सिर्फ हाथ धोना और मास्क पहनना पर्याप्त है, बल्कि बार-बार छुई जाने वाली सतहों जैसे काउंटरटॉप, दरवाज़ों की कुंडियां, बिजली के स्विच आदि को डिस्इन्फेक्ट करते रहें। अक्सर हम ऐसी सतहों को डिस्इन्फेक्ट करना भूल जाते हैं। अच्छी बात यह है कि इन सतहों को डिस्इन्फेक्ट करना अब बहुत आसान है, सैवलॉन डिस्इन्फेक्टेन्ट स्प्रे करें और पौंछ दें।

सर्दियों के कपड़ों को अच्छी तरह धोएं: हर बार जब हम बाहर से आते हैं, हम सीधे शॉवर लेने चले जाते हैं और कपड़ों को धोने के लिए डाल देते हैं। हालांकि सर्दियों के कपड़ों के लिए कुछ ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होती है। इन कपड़ों के लिए अपने पास डिस्इन्फेक्टेन्ट स्प्रे रखें। अपने बच्चों को आप जो गर्म कपड़े पहनाते हैं, ध्यान रखें कि इन्हें डिटर्जेन्ट और क्लोथ स्प्रे से अच्छी तरह साफ करें, ताकि इनमें धूल न रहे।

कम्फर्टर और कंबल आदि को स्टरलाइज़ करें: हर भारतीय परिवार में, कंबल, दोहर और कम्फर्टर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इन गर्म कपड़ों में फंगस, मोल्ड, बैक्टीरिया आदि आसानी से पनप सकते हैं, जो इस सीज़न में अस्थमा और एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं। इन्हें डिस्इन्फेक्ट करना ना भूलें।
इन सब सुझावों के अलावा सर्दियों में धूल से बचना भी ज़रूरी है। इस मौसम में अक्सर हम घर के अंदर ही रहते हैं। घर में नियमित रूप से डस्टिंग न करने से त्वचा और सांस की एलर्जी हो सकती है।

इसलिए मुलायम कपड़े से पंखे, टेबल, हीटर आदि की डस्टिंग करें। कुल मिलाकर कोविड-19 सहित हर तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा महामारी को नियन्त्रित रखने में योगदान देने के लिए सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें, हाथों को नियमित रूप से धोते रहें। क्योंकि ‘हाइजीन सही तो हेल्थ सही!’

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