दो साल के बच्चे के दिल में छेद, NRS के चिकित्सकों ने बचाई जान

कोलकाता: नवजात शिशुओं के दिल में छेद पाए जाने वाले अक्सर मामले सामने आते हैं। इसी कड़ी में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। दो साल के एक नवजात शिशु के दिल में छेद पाया गया। जिसे महानगर के एनआरएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद चिकित्सकों ने बच्चे को नया जीवन दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्चे को जन्म से ही ये समस्या थी।

महज सात किलोग्राम वजन वाले दो साल के बच्चे की शुक्रवार को दिल की सर्जरी हुई। बच्चे के दिल की दीवार में जन्मजात छेद था। ठीक से सांस लेना मुश्किल था। थोड़ा और जोर से रोने से सांस फूलने लगती थी। डॉक्टरों के मुताबिक, इतने कम वजन वाले बच्चे का ऑपरेशन करना मुश्किल होता है। जोखिम भी है।

कोलकाता के इस सरकारी अस्पताल में दो साल के शिशु की सर्जरी हुई। ऑपरेशन सफल रहा। सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे के खतरे से बाहर जाने के बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण दिनाजपुर के सुदूर गांव में एक गरीब दंपति की आंखों से आंसू छलक पड़े जब उन्हें पता चला कि उनके बच्चे के दिल में छेद है।

एनआरएस अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन प्रोफेसर परेश बंद्योपाध्याय ने ओपन हार्ट सर्जरी करने का फैसला लिया। सर्जरी में छह सदस्यीय मेडिकल टीम शामिल थी। प्रोफेसर परेश बंद्योपाध्याय के अनुसार इतने कम वजन के बच्चे का ऑपरेशन करना बहुत जोखिम भरा था। ऐसा इसलिए है क्योंकि सर्जरी के दौरान दिल काम करना बंद कर देता है। अगर दिल सही समय पर काम करना शुरू न करे तो ये चिंताएं हमेशा बनी रहती हैं। यह सर्जरी काफी कठिन है। लेकिन हमने किया।

राज्य सरकार की ‘शिशुसाथी’ परियोजना के तहत ऐसी जटिल, कठिन सर्जरी की गई है। कोरोना में इस तरह की सर्जरी बंद कर दी गई थी। इस तरह की सर्जरी फिर से शुरू हो गई है। लेकिन किसी राज्य के सरकारी अस्पताल में इतने कम वजन वाले बच्चे की जिंदगी वापस लाना संभवत: पहली बार है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि गहन चिकित्सा इकाई में वह स्वस्थ है। अगले बच्चा सामान्य रूप से जी सकेगा।

स्वास्थ्य भवन के अधिकारियों के बयान को एक अकेली घटना के रूप में देखना गलत होगा क्योंकि एक सरकारी अस्पताल में मुफ्त में इस तरह की सर्जरी सफल रही। आने वाले दिनों में बच्चों की और भी जटिल सर्जरी करने की तैयारी चल रही है।

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