ज्ञान, सृजन और कला का संगम है हिंदी मेला

कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 26वें हिंदी मेले के तीसरे दिन चित्रांकन, कविता पोस्टर और हिंदी ज्ञानत्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। चित्रांकन प्रतियोगिता 2 वर्गों में (शिशु और अ) आयोजित की गई। । कविता पोस्टर प्रतियोगिता के अंतर्गत देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़े प्रतिभागियों ने निर्धारित विषय ‘कोरोना और मानव जीवन’ पर भावनात्मक एवं सुंदर चित्र बनाएं । इस वर्ग का सफल संचालन बीरू सिंह, ममता साव और धन्यवाद ज्ञापन सुमन शर्मा ने दिया। चित्रांकन और कविता पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में सुलोचना सारश्वत और नागेश शर्मा उपस्थित थे।

संस्था के अध्यक्ष डॉ. शम्भुनाथ ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा- “हिंदी मेला देश के विभिन्न राज्यों की प्रतिभाओं एवं संस्कृति को जोड़ने वाली पुल है।नई पीढ़ी का यह उत्साह और सांस्कृतिक प्रेम बहुत महत्वपूर्ण है। संस्था के संयुक्त महासचिव संजय जायसवाल ने कहा- “हिंदी मेला सांस्कृतिक कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं को प्रतियोगिता के माध्यम से जोड़ता है। चित्रांकन प्रतियोगिता एवं कविता पोस्टर प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े प्रतिभागियों ने यह प्रमाणित कर दिया हैं कि कोई भी आपदा कला और सांस्कृतिक प्रयासों को नहीं रोक सकती।” संयोजक इबरार खान ने कहा कि यह मेला बच्चों और नौजवानों को साहित्य और संस्कृति से जोड़ता है।संयोजिका मधु सिंह ने कहा कि इन प्रतियोगिताओं के जरिए प्रतिभागी एक संवेदनशील समाज और परिवेश को निर्मित करते हैं।

कार्यक्रम का सफल संचालन नैना प्रसाद, अनूप यादव,अलका साव हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता में विशेषज्ञ के रूप में डॉ. हंसा दीप (कनाडा), अनिता राय (शिक्षिका, कोलकाता), इतु सिंह (सहायक प्राध्यापिका, खिदिरपुर कॉलेज) और श्रीकांत द्विवेदी (सहायक प्राध्यापक,विद्यासागर विश्वविद्यालय) उपस्थित थे। हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता के संयोजक उत्तम कुमार ने कहा कि विगत कई वर्षों से हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता तकनीक के माध्यम से ही हो रही है। इस वर्ष यह प्रतियोगिता केवल कोलकाता के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।धन्यवाद ज्ञापन राहुल गौड़ ने दिया।

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