टोक्यो ओलंपिक में भारत की उम्मीद हिमा दास बनीं DSP

नई दिल्ली : इस साल जुलाई अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलिंपिक में भारत को जिन खिलाडियों से पदक की उम्मीदें हैं, उनमें से एक धाविका हिमा दास भी हैं। असम सरकार ने उन्हें डीएसपी बना दिया है। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिमा दास का करियर संघर्षों से भरा है। हिमा 21 साल की उम्र में 5 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। ये उन्होंने एक ही महीने के अंतर पर जीते हैं। इस समय हिमा दास टोक्यो ओलिंपिक में जगह पक्की करने के लिए लगातार मेहनत कर रही हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह टोक्यो ओलिंपिक में जाकर देश की उम्मीदों को जरूर पूरा करेंगी।

हिमा दास का जन्म असम के नागौन जिले के धींग गांव में 9 जनवरी 2000 में हुआ। पूरे परिवार धान की खेती पर निर्भर था। खुद हिमा ने कई सालों तक खेतों में काम किया। यहीं पर उन्होंने देश के लिए खेलने का सपना देखा। उनका ये सपना पूरा भी हुआ और इसे पूरा किया एक टीचर ने। हालांकि हिमा शुरुआत में फुटबॉलर बनना चाहती थीं, लेकिन उनके टीचर ने उन्हें एथलेटिक्स में जाने की सलाह दी। हिमा ने उनकी सलाह मान ली, लेकिन मुश्किलें यहीं से शुरू होने वाली थीं। उन्होंने गुवाहाटी में राज्य चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। यहां पर उन्हें कांस्य पदक मिला। एक और प्रतियोगिता में जब हिमा ने हिस्सा लिया तो उन्हें अनुभव ज्यादा न होने के कारण कोई पदक नहीं मिला। उनके कोच ने उन्हें गुवाहाटी जाकर ट्रेनिंग लेने की बात कही। घरवालों को मनाया। वह इसलिए माने क्योंकि इसमें बेटी को तीन टाइम बेहतर खाना मिलना था।

हिमा को शुरुआत में रोजाना अपने गांव से 140 किमी दूर गुवाहाटी के लिए बस पकडनी होती थी। लौटकर आने में रात के 11 बजते थे। हालांकि बाद में उनके कोच ने उनका रहने का इंतजाम गुवाहाटी में ही करा दिया। 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में हिमा दास ने भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन वह यहां पर कोई कमाल नहीं कर सकीं। लेकिन उन्होंने अपनी इस नाकामी को जल्द ही भुला दिया। फिनलैंड में हुई अंडर 20 चैंपियनशिप में हिमा ने एक नया इतिहास रच दिया। यहां पर उन्होंने गोल्ड मैडल जीत लिया।

एशियाई खेलों में दिखाई अपनी ताकत 2018 में जकार्ता में एशियाई खेलों का आयेाजन किया गया। 45 देशों के इस टूर्नामेंट में हिमा दास ने 400 मीटर की रेस 50.79 सेकंड में पूरी कर रजत पदक अपने नाम किया। 4 गुणा 400 रिले दौर में उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर गोल्ड पर कब्जा जमाया।

डीएसपी बनने के बाद बोलीं, करियर ऐसे ही जारी रहेगा : 26 फरवरी शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने हिमा दास डीएसपी पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा। इस मौके पर हिमा ने कहा, ये मौका उनके लिए सपने के सच होने जैसा है। मेरी मां हमेशा मेरे लिए इसी का सपना देखती थीं। आज खेल के माध्यम से मेरा ये सपना पूरा हुआ है। इस जिम्मेदारी को मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगी। लेकिन मेरा खेल करियर यूं हीं चलता रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *