HCG EKO Cancer Centre Kolkata Successfully Performs the Complex Robot-Assisted Right Hepatectomy in Eastern India

एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर कोलकाता ने कॉम्प्लेक्स रोबोट-असिस्टेड राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी सफलतापूर्वक की

कोलकाता : एक ऐतिहासिक मेडिकल उपलब्धि में, एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर ने हाल ही में न्यूटाउन, कोलकाता में लिवर कैंसर से पीड़ित एक 65 वर्षीय मरीज श्री. पंकज (बदला हुआ नाम) पर कॉम्प्लेक्स रोबोट-असिस्टेड राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी की। यह सफल सर्जरी डॉ. एस.के. बाला, सीनियर सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एचसीजी कोलकाता और डॉ. देवेन्द्र पारिख, सीनियर रोबोटिक कैंसर सर्जन, एचसीजी अहमदाबाद द्वारा की गई, जो पूर्वी भारत में पहली बार एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई।

 श्री पंकज (बदला हुआ नाम), एक अनुभवी साहसी व्यक्ति जिन्होंने 5000 मीटर से अधिक ऊंची छह चोटियों पर विजय प्राप्त की, 65 साल की उम्र में, उन्हें तेजी से वजन घटने और कमजोरी जैसे कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा। कोलकाता के एक निजी हॉस्पिटल में शुरुआती जांच के बाद पता चला कि मरीज को स्टेज 2 लिवर कैंसर है।

जिसके बाद उन्हें एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर में रेफर किया गया – संपूर्ण पूर्वी भारत में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (जिसमें कोलन, मलाशय, अन्नप्रणाली और पेट शामिल हैं), और हेपेटोबिलरी पैनक्रियाज़ कैंसर (जिसमें लिवर, पित्ताशय और पैनक्रियाज़ शामिल हैं) की रोबोट असिस्टेड कैंसर सर्जरी करने में एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर अग्रणी है।

 मरीज ने खुद को एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर कोलकाता में दिखाया और उसे डॉ. एस. के. बाला के पास रेफर किया गया। उनकी मेडिकल कंडीशन को समझने के लिए उन्हें कुछ क्लिनिकल टेस्ट का सुझाव दिया गया। उनकी टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद, डॉ. बाला ने मरीज के केस की जटिलता पर विचार किया और उन्हें एक रोबोट- असिस्टेड सर्जरी करने की सलाह दी, जो अपनी सटीकता और मिनिमली इनवेसिव अप्रोच के लिए जानी जाती है।

 डॉ. एस. के. बाला, डॉ. देवेन्द्र पारिख और उनके डॉक्टरों की टीम द्वारा मरीज की रोबोट असिस्टेड राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी की गई। इस सर्जरी को मेडिकल क्षेत्र में सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है क्योंकि इसमें लिवर का 60-70 प्रतिशत हिस्सा निकाल दिया जाता है और नॉर्मल लिवर का केवल 30-40 प्रतिशत हिस्सा ही बचता है। लीवर कैंसर दुर्लभ हैं, और सर्जरीयोग्य केसेस और भी दुर्लभ हैं, जिससे यह रोबोटिक सर्जरी और जटिल हो जाती है।

 डॉ. एस.के. बाला, सीनियर सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर, कोलकाता ने केस पर अपने विचार साझा करते हुए कहा की, “एक मेडिकल प्रोफेशनल के रूप में, हर केस अपनी अनूठी चुनौतियाँ पेश करता है, और यह केस भी अपनी जटिलताओं के साथ आया था। यह सफल रोबोटिक सर्जरी लिवर की घातक बीमारियों के प्रति हमारे दृष्टिकोण में एक टर्निंग पॉइंट  है।

HCG EKO Cancer Centre Kolkata Successfully Performs the Complex Robot-Assisted Right Hepatectomy in Eastern India

एडवांस और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग न केवल सटीकता को बढ़ाता है, बल्कि यह सर्जरी के बाद की जटिलताओं को भी काफी हद तक कम कर देता है, जिससे रिकवरी आसानी से और तेजी से संभव हो पाती है।

श्री पंकज के केस में, सर्जरी के बाद 48 घंटों के भीतर वह उठकर चलने-फिरने लगे और 7वें दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई। इसमें पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम समय तक रुकने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए आमतौर पर 10 से 14 दिनों तक हॉस्पिटल में रहना पड़ता है । यह केस हेल्थकेयर में इनोवेशन की शक्ति को रेखांकित करता है और हमारे मरीजों के लाभ के लिए सीमाओं को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

 श्री पंकज ने यह कहते हुए अपना आभार व्यक्त किया की, “मैंने चोटियों पर चढ़ने और अपनी मेडिकल यात्रा में रोबोट-असिस्टेड सर्जरी का कम यात्रा वाला रास्ता चुना, जो मेरे लिए सही और जीवन बदलने वाला निर्णय था। मैं डॉ. एस. के. बाला और एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर के डॉक्टरों की कुशल टीम का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे जल्दी से ठीक होने और मेरे जीवन को सामान्य स्थिति में वापस लाने में उनकी विशेषज्ञता हासिल की।”

 इस सफल सर्जरी के साथ, एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर, कोलकाता पूर्वी भारत में मेडिकल केयर को आगे बढ़ाने में अग्रणी है, जो जटिल कैंसर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने वाले मरीजों को लाभ पहुंचाने के लिए इनोवेटिव टेक्नोलॉजी सोलूशन्स का नेतृत्व कर रहा है।

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