“हैकविदमैट 3.0” 24 घंटे का हैकथॉन का महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने किया सफल आयोजन

नई दिल्ली । संस्थान का हैकविदमैट हैकथॉन 3.0 का आयोजन का तीसरा वार्षिक आयोजन है। यह एक ऐसा मंच है जो छात्रों को अपने तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करने और समाज को लाभ पहुंचाने वाले वैश्विक चुनौतियों के समाधानों विचारों पर सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। हैकथॉन के दौरान, जिसका ध्यान वैश्विक चुनौतियों के समाधानों के आविष्कार पर केंद्रित था। इसमें निम्नलिखित ट्रैक शामिल हैं :
हेल्थकेयर, वेब 3, ओपन इनोवेशन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, फिनटेक, कम्युनिकेशन। छात्रों ने प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए अपने मूल नवीन विचारों पर टीमों में काम किया। इस आयोजन में भाग लेने के लिए विभिन्न कॉलेजों की 108 टीमों में से 19 कॉलेजों की 85 टीमों के 300 छात्रों को चुना गया है।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रवीन चंद्रा, डीन, यू.एस.आई.सी.टी, जी.जी.एस.आई.पी.यू, थे। अपने उद्घाटन भाषण में प्रोफेसर प्रवीन चंद्रा ने भाग लेने वाले छात्रों के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें तकनीकी क्षेत्र में अपनी क्षमता की पहचानने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने घोषणा की कि इन उज्ज्वल युवा मस्तिक द्वारा बनाए गए उत्तरों में “वास्तव में दुनिया को बदलने की क्षमता है।” संस्थान के चेयरमैन विनीत कुमार लोहिया, ने आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना की उन्होंने कि इन उज्ज्वल युवा मस्तिक द्वारा बनाए गए उत्तरों में “वास्तव में दुनिया को बदलने की क्षमता है।”और छात्रों को भाग लेने के लिए प्रेरित किया और उन्हें इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सीखने की सलाह दी।

प्रथम पुरस्कार महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के टीम अंश गोयल, रजत कुमार, गर्वित अग्रवाल, गौरिका गुप्ता को दस हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार जीता। इन छात्रों ने क्यूआर कोड या त्वरित प्रतिक्रिया संकेतावली (QR)का उपयोग कर उपस्थिति नियमन प्रणाली विकसित की।
दूसरा पुरस्कार बीवीसीओई टीम आदित्य गुप्ता, प्रथम तनेजा, तुषार सिंह, भाव्या ने ‘जार्विस’ नामक व्यक्तिगत डेस्कटॉप सहायक विकसित करने के लिए आठ हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार जीता, जो उपयोगकर्ता की आवाज के माध्यम से पूरे डेस्कटॉप को स्वचालित करेगा।

तीसरा पुरस्कार विकलांग लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली विकसित करने के लिए अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी टीम (फ़िज़ा खान, विशाल) द्वारा पांच हजार रुपये का तीसरा पुरस्कार जीता, जो अपनी आँखों या दिमाग के संकेतों का उपयोग करके संचार के लिए हार्डवेयर का उपयोग कर सकते हैं। नंद किशोर गर्ग, संस्थापक अध्यक्ष और मुख्य सलाहकार मेट हमेशा प्रेरणा के स्रोत हैं और परिसर में इस तरह के आयोजनों को प्रोत्साहित करते हैं।
प्रोफेसर नीलम शर्मा (निदेशक, मैट) प्रोफेसर एस.एस. देसवाल (डीन, मैट) और प्रोफेसर नमिता गुप्ता (विभागअध्यक्ष, सी.स.ई) के मार्गदर्शन में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के टेककॉम टेक्निकल सोसाइटी द्वारा किया जाता है।

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