गांधीनगर। गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों के 89 सीटों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान गुरुवार प्रात: आठ बजे शुरू हो गया। इस चुनाव में 27 साल से राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने अपनी सरकार को बनाये रखने की चुनौती है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस मतदाताओं से परिवर्तन के लिए वोट की अपेक्षा कर रहा है। गुजरात के राजनीतिक मैदान में इस बार आम आदमी पार्टी भी जोर-शोर से उतरी है और अपनी जीत का दावा कर रही है।
सौराष्ट्र का क्षेत्र कृषि प्रधान है, इस क्षेत्र के 11 जिलों अमरेली, मोरबी, राजकोट, सुरेन्द्र नगर, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, भावनगर और बोटाड़ में पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से अच्छा प्रदर्शन किया था और वहां 30 सीटें जीती थीं। वर्ष 2012 में उसे 16 सीटें मिली थीं। पाटीदार आंदोलन से प्रभावित उस क्षेत्र में पिछले चुनाव में भाजपा की सीटेंं 35 से घटकर 23 रह गयीं थी। गीर सोमनाथ, मोरबी और अमरेली में भाजपा को पिछले चुनाव में एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी, लेकिन इस बार भाजपा विरोधी पाटीदार आंदोलन शांत दिख रहा है।
कांग्रेस के पास यहां इस क्षेत्र में मोधवड़िया जैसे मजबूत नेता हैं, जो मतदाताओं में अपना खुद का प्रभाव रखते हैं। सौराष्ट्र में विजयी कांग्रेस के 20 विधायक टूटकर पिछले पांच साल में भाजपा में आ चुके हैं। भाजपा ने उसमें ज्यादातर को इस बार प्रत्याशी बनाया है। भाजपा इस क्षेत्र में इस बार जीतोड़ मेहनत कर रही है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह इस क्षेत्र में अमरेली में चुनाव सभायें कर चुके हैं।
पहले चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करीब 25 चुनाव सभायें कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल अप्रैल से नवंबर के पहले सप्ताह तक 50 से अधिक कार्यक्रम में शामिल हो चुके थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच पार्टी के प्रचार की कमान मुख्य रूप से गुजरात के स्थानीय नेताओं के हाथ में है। पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मतदान से ठीक पहले पार्टी का उत्साह बढ़ाने के लिए गुजरात में सक्रिय हुए हैं।