हंसराज सिंह ‘हंस’ के काव्य संग्रह “उद्गार” का भव्य विमोचन

गोरखपुर । संगम नगरी प्रयागराज की धरा पर अपने जीवट व्यक्तित्व की मिसाल बने वरिष्ठ कवि हंसराज सिंह ‘हंस’ जी के एकल काव्य संग्रह “उद्गार” का विमोचन भारतीय गौरव साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के तत्वावधान में आयोजित विशाल कवि सम्मेलन में राजेश कुमार सिंह जी (ए.डी.एम.वित्त एवं राजस्व गोरखपुर) के कर कमलों से वरिष्ठ कवियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पादरी बाज़ार, गोरखपुर में भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली के मशहूर कवि, शायर एवं गज़लकार प्रदीप मिश्र ‘अजनबी’ ने किया।

प्रवीण श्रीवास्तव (संयोजक प्रयास एक परिवर्तन का), सौरभ पाण्डेय (अध्यक्ष-धरा धाम), सत्या पाण्डेय (पूर्व मेयर गोरखपुर), सुभाष यादव, जगदीश खेतान (कप्तान गंज), नंदकिशोर त्रिपाठी अंजाना, अरुण कुमार श्रीवास्तव, सरिता सिंह, संस्थान के संरक्षक सुधीर श्रीवास्तव (गोण्डा), संस्थापक संजय निराला, संयोजक राजीव रंजन मिश्र, कुंदन वर्मा (संस्थापक मेरी शायरी मेरे गीत मेरी धड़कन), तारा सिंह अंशुल, रसबिंदु, विकास मिश्र (लोकार्थ फाउंडेशन), सतीश तिवारी (मदर एकेडमी) आदि मुख्य अतिथि, अति विशिष्ट अतिथियों, विशिष्ट अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों और कवियों एवं कवयित्रियों तथा सैकड़ों श्रोताओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगाया।

विमोचन के उपरान्त संकलन के बारे में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि, साहित्यकार एवं चिन्तक प्रदीप मिश्र ‘अजनबी’ ने कहा कि ‘हंस’ जी  की रचनाएँ उनकी चिन्तन क्षमता को दर्शाती हैं। नन्दकिशोर त्रिपाठी ने कहा कि ‘हंस’ जी की सृजन क्षमता उनके विशिष्ट होने की पहचान है। सरिता सिंह ने कहा कि संकलन की रचनाओं से नवोदित रचनाकारों को प्रेरणा मिलेगी। ए.डी.एम.राजेश सिंह ने हंस जी को बधाइयाँ दी एवं उनकी जीवटता को नमन किया और कहा कि शासकीय सेवा की जिम्मेदारियों के बीच साहित्य सृजन कर अपने साहित्यिक सफर पर सामंजस्य बना कर चलना बेमिसाल संतुलन का उदाहरण है।

जगदीश खेतान जी ने कहा कि हंस राज सिंह की रचनाएँ पाठकों से सीधा संवाद करती हैं। सुधीर श्रीवास्तव जी ने कहा कि ‘हंस’ जी की रचनाओं से पाठक सीधा और स्वयं से जुड़ाव महसूस करता है। सामयिक, सामाजिक और पौराणिक सृजन ‘हंस’ जी की विलक्षणता को रेखांकित करता है। संजय निराला ने कहा कि ‘हंस’ जी की लेखनी समाज की आवाज सरीखी है। राजीव रंजन मिश्र ने कहा कि ‘हंस’ जी की लेखनी का जादू संकलन की रचनाओं में दिखता है। इसके अलावा अनेक कवियों एवं कवयित्रियों ने संकलन की प्रशंसा करते हुए ‘हंस’ जी की हौसला अफजाई की और उनके निरन्तर आगे बढ़ने की उम्मीद जताते हुए बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ दी।

विमोचन कार्यक्रम का शानदार संचालन सुल्तानपुर के वरिष्ठ कवि और श्रेष्ठ संचालक हरिनाथ शुक्ल ने किया। हंसराज सिंह ‘हंस’ जी ने सभी अतिथियों, कवियों, कवयित्रियों एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप सभी ने मेरी हौसला अफजाई कर मेरे मान सम्मान और आत्मविश्वास को नई ऊचाइयाँ प्रदान की है इसके लिए आप सभी धन्यवाद एवं आभार के पात्र हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 + twenty =