तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : अब देर नहीं, तुरंत साहेबघाट स्थित शिलावती नदी पर पक्का पुल बनाएं। इस मांग पर पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत घाटाल में लोगों ने विरोध प्रदर्शन के साथ ही करीब आधे घंटे तक जाम लगाया। लकड़ी के पुल से सटे गुरली के निवासियों ने मुफ्त नदी पार करने के बदले में लकड़ी के पुल की लीज अवधि बढ़ाने के विरोध में शुक्रवार को धरना – प्रदर्शन में भाग लिया। इस अवसर पर, बैठक की शुरुआत में आधे घंटे के लिए लकड़ी के पुल को अवरुद्ध कर दिया गया।
कार्यक्रम में घाटाल मास्टर प्लान रूपायन संग्राम समिति के संयुक्त सचिव नारायण चंद्र नायक, साहेबघाट पुल निर्माण संग्राम समिति के सलाहकार मधुसूदन मन्ना, अध्यक्ष डॉ. विकास चंद्र हाजरा, संयुक्त सचिव कनाई लाल पाखिरा और चौका के झाड़ेश्वर माजी, नेता जी विद्यामंदिर के पूर्व प्रधानाध्यापक देबाशीष माईती, प्रधानाध्यापक किंकर पात्रा, प्रोफेसर हिमांशु हाजरा आदि उपस्थित थे।
बंदरगाह ब्रिज निर्माण संगम समिति के संयुक्त सचिव मदन चंद्र राम ने आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाते हुए संगीत प्रस्तुत किया। स्थानीय छात्रों सहित क्षेत्र के लगभग तीन सौ पीड़ित कालीचक-बारगोबिंद हाई स्कूल में एकत्र हुए और पुल से सटे गुरली में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लिया।
साहेबघाट पुल निर्माण संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव कनाई लाल पाखिरा ने शिकायत की कि क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग के अनुपालन में सिंचाई विभाग ने 2013 में शिलावती नदी के उस स्थान पर मिट्टी का परीक्षण किया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
कंक्रीट पुल के निर्माण को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इतना ही नहीं, 2014 में इस जगह पर कुछ लोगों के स्वामित्व में एक लकड़ी का पुल बनाया गया था, लेकिन इसके बदले में अत्यधिक पैसे के बदले टोल टैक्स अभी भी वसूला जा रहा है। इसे अविलंब बंद कर सरकारी तौर पर पुल बनाया जाना चाहिए।
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