विनय सिंह बैस की कलम से… बचपन के स्वतंत्रता दिवस की कुछ धूमिल यादें अब भी मन मस्तिष्क में हैं!

नई दिल्ली । हमारे विद्यालय प्राथमिक पाठशाला बरी में प्रधानाध्यापक अवधेश बहादुर सिंह हुआ करते थे। देव नारायण सिंह, अयोध्या सिंह शिक्षक थे। एक और शिक्षक का नाम भूल रहा हूं। 15 अगस्त के दिन हम सब बच्चे नहा-धोकर और साफ-सुथरे कपड़े पहन कर विद्यालय पहुंच जाया करते थे। सबसे पहले विद्यालय में झंडारोहण होता था और फिर राष्ट्रगान गाया जाता था।

उसके बाद शिक्षकों के नेतृत्व में पूरे गांव में प्रभात फेरी निकाली जाती थी। प्रभात फेरी विद्यालय से शुरू होकर बहेलिया पार, नउवन टोला से गुजरते हुए हमारे मोहल्ले चौघरा पहुंचती थी। वहां पर दादा स्वर्गीय कृपाल सिंह के दरवाजे कुछ देर प्रभात फेरी रुकती थी। हम लोग अपने मोहल्ले में कुछ अधिक जोश से “झंडा ऊंचा रहे हमारा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा” का सस्वर गान करते रहते थे। तब हमें बताशा या कभी लड्डू भी मिल जाया करते थे।

उसके बाद प्रभात फेरी गांव के दो हिस्सा, तीन हिस्सा मोहल्लों से गुजरते हुए वापस विद्यालय पहुंचती थी। उस समय सभी बच्चों के पास झंडा नहीं हुआ करते थे। एक ही झंडा रहता था जो कक्षा 5 का कोई बच्चा लेकर सबसे आगे आगे चलता था। कुछ गांव वाले उस दिन गांधी टोपी भी लगा लेते थे क्योंकि उस समय तक गांधीजी और भारत की स्वतंत्रता एक दूसरे के पर्याय माने जाते थे।

विद्यालय वापस लौटने के पश्चात गुरुजी हमें स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे में बताते थे। गांधी, नेहरू, सुभाष, सरदार पटेल के बारे में भी बताया जाता था। पता नहीं किन कारणों से चंद्रशेखर आज़ाद, सरदार भगत सिंह, ठाकुर रोशन सिंह आदि क्रांतिकारियों के बारे में ज्यादा नहीं बताया जाता था। अंत मे सभी बच्चों को मिठाई बांट कर विदा किया जाता था।

आज बच्चों को स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भाग लेते हुए देखकर उन पुराने दिनों की याद ताजा हो गई।

जय हिंद, जय भारत
वंदेमातरम

Vinay Singh
विनय सिंह बैस

(विनय सिंह बैस)
गांव-बरी, पोस्ट-मेरुई, जनपद-रायबरेली (उ.प्र)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 − 14 =