।।इलेक्शन।।
डॉ. आर.बी. दास
इस इलेक्शन के दौड़ में,
कहां कोई इंसान नजर आता है…
कोई हिंदू, कोई दलित तो कोई
मुसलमान नजर आता है…
बीत जाता है जब
इलाकों से इलेक्शन का दौड़,
तब इंसान रोटी के
लिए परेशान नजर आता है…
कुछ तो खासियत है,
इस प्रजा तंत्र में,
कुछ तो बात है,
इस करामाती मंत्र में!!
वोट देते हैं फकीरों को,
कमबख्त शहंशाह बन जाता है,
और हम हर बार
वही के वही रह जाते हैं!!
रह जाते हैं हम हर बार,
उंगली रंगाने के लिए!!
नए फकीरों को
एक बार फिर,
शहंशाह बनाने के लिए!!!
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