आशा विनय सिंह बैस की कलम से : भगवान श्री राम

आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। पड़ोसी राज्य हरस्य यानम् (ईश्वर के निवास स्थान) यानि हरियाणा में…

1. भगवान, ईश्वर, रब, ऊपर वाले सभी के लिए एक शब्द- ‘राम’।
2. अभिवादन के लिए दो शब्द- ‘राम-राम’।
3. अभिवादन का जवाब भी- ‘राम’
(राम राजी स, दया है राम की)
4. आकाश को- ‘राम’ ( राम आया था, बहोत राम बरसा भाई)

5. आराम को भी- ‘राम’ (राम से चल, राम कर ले)
6. गाँव को -‘राम’- (गाम राम होता है)
7. इलाज को भी- ‘राम’ (रामबाण इलाज)
8. यात्रा शुरू करने से पहले- ‘राम’ (चालन दो भाई लेके राम का नाम)
9. जीवन यात्रा समाप्त होने पर भी- ‘राम-नाम’ (राम नाम सत्त है)

10. बातों में- ‘राम’ (राम देखै है,राम न्याय करेगा, राम के घर जाना है, राम से डर)
11. कहावतों में भी ‘राम’ (हिम्मती का राम हिमायती,आंधे की मक्खी राम उड़ावै, राम को राम नहीं कहता, राम से बड़ा समझना)

हरियाणा के कण-कण और शब्द-शब्द मे राम बसते हैं। शायद इसीलिए हरियाणा पर रामजी की कुछ ज्यादा ही कृपा है। तभी तो हरियाणा खेती से खेलकूद तक, मिलिट्री से मेडल तक सबसे आगे है।
#राम आएंगे

आशा विनय सिंह बैस, लेखिका

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