अमिताभ अमित की कलम से…सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है

पटना । सदियों से सजनियाँ अपने साजन से झूठ ना बोलने की ज़िद करती आई हैं! खुदा का वास्ता भी देती है इसके लिये! सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है और बिना हाथी-घोड़े के पैदल ही जाना है! अब इन सजनियों को कौन समझाये कि सजन का साजन होना झूठ पर टिका हुआ है और फिर भले ही जाने के लिये, खुद का हवाई जहाज़ मौजूद हो; अपनी मर्जी से ख़ुदा के पास कौन जाना चाहता है?
साजन चतुर होता है, वह जानता है; सच बोलने वालों को खुदा कुछ ज़्यादा ही प्यार करते हैं! उसे पता होता है कि सच बोलने का मतलब मरने के लिये तयशुदा वक्त के पहले ही ख़ुदा के पास पहुँच जाना है! वो सौ साल जीना चाहता है, ऐसे में उसे मजबूरी में झूठ बोलने ही होते हैं!

मोहब्बत की इमारत की तामीर ही झूठ की बुनियाद पर होती है! झूठा हुए बिना सजन होना नामुमकिन! ऐसे में बंदा सजन होने के लिये झूठ बोलता है और साजन की पोस्ट पर क़ाबिज़ बना रहना चाहता है! ऐसे मे उसे लगातार झूठ बोलने ही पड़ते है! सच और साजन का सात जन्मों का बैर है! या तो सच बोल लो या साजन बने रहो! आप दो में से एक काम ही साध सकते हैं ऐसे में हर सज्जन आदमी सच बोलने और साजन होने में से साजन होने का चुनाव करता है! साजन के लिए, झूठ हवा-पानी की तरह ज़रूरी! वो सच बोलें ये अनहोनी! ऐसे में हम आज उन झूठों की चर्चा करेंगे जो किसी भी हो चुके साजन को सजन बने रहने के लिये बोलना बेहद जरूरी होता है!

ऐसे झूठों की फ़हरिस्त मे पहले नंबर का झूठ है तुम बेहद खूबसूरत हो! जहाँ पाँव रख देती हो उस ज़मीन को फरिश्ते चूमने आते हैं, तुम से अच्छा कौन है?
साजन को सौ काम होते है अपनी सजनी से! ऐसे मे यह झूठ रामबाण की तरह असर करता है, सजनी सुनती है इसे और ख़ुश हो जाती है! सजनियाँ बहुत बार ताड़ भी लेती है कि उसका साजन लंबी-लंबी छोड़ रहा है! पर इस प्रकार के झूठ को सजनियाँ नकारती नही! मान लेती है कि उसका सजन भलामानस है और हो सकता है कि इस बार सच बोल रहा हो! ऐसे मौक़ों पर वो साजन के मन की करती है! ऐसे झूठ बोलने मे पैसे भी नही लगते किसी भी साजन को और क्या चाहिए?

साजन होते ही बंदा पहले से ज्यादा लापरवाह हो जाता है! शाम में बिरयानी महल की बिरयानी लेकर लौटना, फलाना क्रीम खत्म होने पर उसे खरीदकर लौटना, आशिकपुर बाज़ार से सुबह-सुबह तरकारी लेकर आने जैसे तीन कामों मे से दो हमेशा भूलता है! शाम को सॉरी बोलता है! फिर भूलता है, भूलने बाबत बहाने बनाता है और जैसा कि आप जानते ही है बहाने झूठ ही होते है!

एक और झूठ जो ऐसे झूठों की क़तार मे काफी आगे है, मै देख नही रहा था उसकी तरफ; बस ऐसे ही निगाह पड़ गयी थी! सजनियाँ हमेशा निगाह रखती है अपने साजन पर, तके रहती हैं! साजन की निगाहें थोडी बहुत भी बहकी और वह धर लिया जाता है! चूँकि ख़ूबसूरती देखे और सराहे बिना रह नही पाता आदमी, ऐसे मे साजन जब भी पकड़ा जाता है तो ये वाला झूठ उसकी जान बचाने मे मदद करता है!!

एक बात और! लडकियाँ पत्नी होते ही अपने पति के दोस्तों को सख़्ती से नापसंद करने लगती है! वो ऐसा इसलिये करती है क्योंकि उन्हे लगता है कि उसके नेकदिल पति को बिगाड़ने का ठेका उसके दोस्तों ने ही ले रखा है! आमतौर पर वो जानती नही कि उनका सुहाग ही दोस्तों को बिगाड़ने का सबसे बड़ा ज़िम्मेदार है! वे जानती है दोस्तों का संग उनके पति को ऑऊट ऑफ़ कंट्रोल कर देता है! देर रात तक की पार्टियाँ, औक़ात से ज्यादा खाना और दारू! ऐसे मे पत्नियाँ कलह करती है और अमनपसंद पति झूठ बोलता है! ऑफिस मे/साइट पे काम होना, होने की कहानी गढ़ता है! साहब के खूसट होने और मातहतों के काहिल होने के गाने गाता है और चुनावी समाज सेवक होने के रोने रोता है!

खैर, साजन तो पैदायशी झूठे होते है और झूठों के साथ जिंदगी बसर करते-करते सजनियाँ लाई डिक्टेटर हो जाती है!
साजन की बॉडी लैंग्वेज, आँखें चुराने के अंदाज और कॉन्फिंडेस की कमी से वे बहुत जल्दी इस नतीजे पर पहुँच जाती है कि साजन झूठ बोल रहा है ऐसे मे उन्हें खुदा याद दिलाती रहती है पर इन नसीहतों का असर होता नही साजन पर! वो ना तो भलाई-बुराई से डरता है और ना ही पैदल चलने से! वो खुदा से ज्यादा अपनी बीबी से डरता है इसलिये बदस्तूर झूठ बोलना जारी रखता है! झूठ पकड़े जाने पर हिम्मत नहीं हारता, लगातार झूठ बोलता है और तब तक बोलता है जब तक उसकी सजनिया सवाल पूछते-पूछते थक न जाए!!

वैसे चतुर सजनियाँ अपने झूठे साजन को माफ़ करती रहती है! वो जानती है कि उनका साजन झूठा होने के कारण ही नियाज़ मंद है और उसके सामने सर झुकाये रहता है और वो उसके महल-चौबारों और दिलोदिमाग़ की इकलौती मालकिन है! जाएगा कहाँ, आएगा तो लौट कर घर पर ही टाईप की चीज है! ऐसे में वो उसे झूठा होने के ताने तो देती रहती है पर खुद उसे शक की वजह से बरी करती रहती हैं!

साजन जानता है कि झूठे होने की तोहमत, साजन होने का ही बाई प्रॉडक्ट है और वह इस बात पर भरोसा करता है कि राजा हरीशचंद्र भी इस ज़िल्लत से बच पाए हों ये मुमकिन ही नही! ऐसे में वो खाल मोटी कर लेता है! झूठा ठहराए जाने को लेकर कोई रंज नहीं करता! झूठ बोलने के अपने आर्ट को धार देता रहता है और अपनी पत्नी की सहेलियों और सालियों के बीच शशि थरूर जैसा बरगुजीदा रहता है!

काश बिना झूठ बोले साजन का गुज़ारा हो पाता! वह सच बोल पाता और सच बोलने वाले साजन भी लंबे वक्त तक सजन रह पाते।।

अमिताभ अमित – mango people

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