प्रथम दिन असम से आये विषय विशेषज्ञ डॉ. बिनोय पाल ने पेपर पल्प माध्यम पर दिया विस्तृत व्याख्यान
लखनऊ। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के वास्तुकला एवं योजना संकाय में गुरुवार से चार दिवसीय पेपर पल्प कला का कार्यशाला आरम्भ हुआ। इस कार्यशाला के लिए विषय विशेषज्ञ के रूप में सिल्चर असम के निवासी डॉ. बिनोय पॉल हैं। इन्होने पेपर पल्प माध्यम में कृतियों की रचना कर देश विदेश तक प्रदर्शित कर चुके हैं। अगले तीन दिवस में डॉ. बिनोय पाल वास्तुकला संकाय के छात्रों के संग मिलकर माध्यम की बारीकियों की चर्चा एवं कलाकृतियों का निर्माण करेंगे।
पेपर पल्प माध्यम एक प्राचीन एवं सरल माध्यम है। देश की परम्परागत लोक कला में इसका उपयोग बहुतायत देखने को मिलता है। यह कम खर्च व अत्यल्प तकनीक के प्रयोग से तैयार किया जा सकता है। इस माध्यम में बड़े आकार की कृतियां बहुत ही हल्की होती हैं और इसे आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। आरम्भ में इसमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता था। परन्तु सम्प्रति एक्रलिक व अन्य चमकीले रंगों का प्रयोग किया जाता है।
भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि कार्यशाला की औपचारिक शुरुआत करते हुए आमंत्रित कलाकार का परिचय एवं उनके कृतियों का प्रदर्शन किया गया। संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. रितु गुलाटी ने कलाकार को पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया। इस कार्यशाला के समन्वयक कला शिक्षक गिरीश पांडेय, धीरज यादव व अन्य शिक्षकगण के साथ लगभग 150 छात्र उपस्थित रहे। विशेषज्ञ डॉ. बिनोय पॉल का कहना है कि प्रतिभागी अति उत्साह में हैं इस कार्यशाला में हम मिलकर अवश्य कुछ नया और अनोखा रचनात्मक कार्य करेगें।