कोलकाता। पूर्व स्टार फुटबॉलर परिमल दे का निधन हो गया है। उन्होंने मंगलवार रात 12 बजकर 15 मिनट पर कस्बा स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय वह 82 वर्ष के थे। वह 1970 में ईस्ट बंगाल के शील्ड फाइनल के हीरो थे। परिमल को मैदान में ”जंगलदा” के नाम से जाना जाता था। वह अल्जाइमर से पीड़ित थे। बाद में शारीरिक स्थिति और बिगड़ गई। 1970 के आईएफए शील्ड फाइनल में ईरान के पास क्लब के खिलाफ परिमल ने गोल दागा था। बीमारी में परिमल दे की याददाश्त भी चली गई थी लेकिन ”ईस्ट बंगाल” का नाम सुनते ही वह फिर से जीवंत हो उठते थे।
चार मई, 1941 को जन्मे डे को 2019 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बंग भूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया था। 196-70 के बीच डे ने भारत के लिए शानदान प्रदर्शन किया था। उन्होंने कुआलालंपुर में 1966 मर्डेका कप में कोरिया गणराज्य के खिलाफ मैच का एक मात्र गोलकर भारत को कांस्य पदक दिलाया था। घरेलू स्तर पर भी उन्होंने अपनी टीम को 1962, 1969 में दो बार संतोष ट्रॉफी जिताने का गौरव प्राप्त था।
पूर्वी बंगाल के लिए फारवर्ड के रूप में खेलते हुए उन्होंने 84 गोल किए और 1968 में क्लब की कप्तानी भी की। डे ने 1966, 1970 और 1973 में तीन बार कलकत्ता फुटबॉल लीग और आईएफए शील्ड जीतने का गौरव हासिल किया और बीएनआर (1966) और ईरानी पक्ष पीएएस क्लब (1970) के खिलाफ आईएफए शील्ड फाइनल में गोलकर भारतीय फुटबॉल में अपना नाम दर्ज कराया था। 1966 का सीएफएल डे के लिए एक बड़ा टूर्नामेंट था, क्योंकि उन्होंने पहले नौ मैचों में से प्रत्येक में गोल किया था।