बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की हालत अब भी नाजुक, सांस लेने में हो रही तकलीफ

कोलकाता। बायलेटरल निमोनिया से पीड़ित पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्हें शनिवार अपराह्न अलीपुर के वुडलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रातभर आठ चिकित्सकों की टीम ने उन पर निगरानी रखी। उन्हें मिक्स्ड रेस्पिरेट्री फेलियर हुआ है। दो साल पहले कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ी थी। तब उनके फेफड़े में भी संक्रमण हुआ था। अस्पताल के एक चिकित्सक ने रविवार सुबह बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री को सांस लेने पर दिक्कत है।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि भर्ती होने के बाद शुरुआत में भट्टाचार्जी को नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखा गया था। हालांकि, शनिवार देर रात उन्हें इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखना पड़ा। भर्ती होने के बाद उन्हें लगातार पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) सपोर्ट पर भी रखा गया।

वह काफी समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के मरीज हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब चल रही थी। हालांकि, उन्होंने डॉक्टर की सलाह मानने और अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया। हालांकि, शनिवार दोपहर से उनकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी और ऑक्सीजन का स्तर तेजी से गिरने लगा। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने बिना देर किए उन्हें अस्पताल में भर्ती करने का फैसला किया। अस्पताल से भेजी गई क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस से उन्हें अस्पताल लाया गया।

इस बीच, सीपीआई (एम) के उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की हालत शायद इतनी नहीं बिगड़ती अगर उन्होंने कुछ दिन पहले डॉक्टरों की सलाह को नजरअंदाज नहीं किया होता। सूत्रों ने यह भी कहा कि भट्टाचार्जी अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे और यहां तक कि जब भी उन्हें पहले भी भर्ती कराया गया, तो उन्होंने अस्पताल से जल्द जाने पर जोर दिया था।

बता दें कि लंबे समय से उम्र जनित बीमारियों से पीड़ित भट्टाचार्य का घर पर इलाज चलता रहा है। बालीगंज के पॉम एवेंयू स्थित आवास पर शनिवार सुबह उनकी तबीयत बिगड़ी। अपराह्न चिकित्सकों के परामर्श पर उन्हें तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अलीपुर के वुडलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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