नई दिल्ली । फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ( FORDA) ने शनिवार को डॉक्टरों के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। डॉक्टरों के संरक्षण के लिए एक केंद्रीय अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए फोर्डा ने कहा, “खतरनाक प्रवृत्तियों को देखते हुए हमने कई मौकों पर डॉक्टरों के संरक्षण के लिए एक केंद्रीय अधिनियम के कार्यान्वयन के साथ-साथ एक भारतीय मानक स्थापित करने का अनुरोध किया था। भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चिकित्सा सेवा (IMS) कैडर से संबंधित अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।”
हाल ही में, राजस्थान के दौसा जिले में एक महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा की आत्महत्या का मामला सामने आया है। एक मरीज की मौत के बाद डॉक्टर पर हत्या का आरोप लगाया गया था। इस घटना से राज्यभर में सदमे की लहर है और राष्ट्रीय राजधानी में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
पत्र में कहा गया है, “दौसा में अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या की दुखद घटना एक ऐसी घटना है, जिसमें स्थानीय नेताओं और गुंडों द्वारा डॉक्टर को इस हद तक परेशान किया गया कि उन्हें चरम कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद एक नौकरशाह द्वारा उत्पीड़न की एक और घटना की सूचना मिली थी। देहरादून में निधि उनियाल ने सरकारी मेडिकल कॉलेज की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।” फोर्डा ने प्रधानमंत्री से डॉक्टरों के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया।