चीनी सामान के बहिष्कार की मांग को लेकर फेवम ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

कोलकाता : लद्दाख में भारत-चीन के बीच हिंसक संघर्ष के बाद से देशभर में लगातार चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठ रही है। इस बारे में व्यापारियों के एक संगठन फेवम का कहना है कि यदि चीनी सामान से दूरी बनानी भी है तो इसके लिए सोच-समझकर कदम उठाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फेवम) ने चीनी सामान के बहिष्कार के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। फेवम का कहना है कि चीनी सामान का बहिष्कार सोच-विचार कर किया जाना चाहिए और तब तक इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने पर ध्यान देना चाहिए।

संगठन ने कहा कि वे चीनी आयात रोकने का समर्थन करते हैं। ताकि चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम करने की रुपरेखा बनायी जा सके लेकिन इस पूरी प्रक्रिया का चालू घरेलू कारोबारों को नुकसान नहीं होना चाहिए। भारत हर साल चीन से 74 अरब डॉलर का आयात करता है।

फेवम के महासचिव वी.के बंसल ने कहा कि व्यापारी समुदाय में लोगों का मत है कि चीन से मशीनरी कलपुर्जे और औद्योगिक उत्पादों आपूर्ति बाधित होने से हमारे उद्द्योग संकट में आ जाएंगे। पत्र में चीन से होने वाले आयात के विकल्प से लागत पर पड़ने वाले असर का भी उल्लेख किया गया है। चीन से आयात किया जाने वाला अन्य देशों के मुकाबले 30 से 70 प्रतिशत तक सस्ते पड़ते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 5 =