सुजनी कला पर प्रदेश की यह पहली प्रदर्शनी लगेगी
लखनऊ। मध्य प्रदेश के एक कलाकार चंद्रपाल पांजरे कपड़े को माध्यम बनाकर काम करते हैं। आमतौर पर शिल्प और पारंपरिक कला के बीच अंतर करना मुश्किल है। लेकिन दोनों में मजबूत सांस्कृतिक जड़ें, समान रूपांकन, कार्यक्षमता और उद्देश्य की भावना है। पांजरे के काम ने ‘सुजनी’ के पारंपरिक शिल्प को उन्नत किया है, जो मूल रूप से कपड़े पर होने वाली सिलाई की तरह एक प्रकार की कढ़ाई है। रविवार, दिनांक 7 जनवरी 2024 को नगर के माल एवेन्यू स्थित सराका होटल के सराका आर्ट गैलरी में मध्य प्रदेश के बालाघाट के रहने वाले युवा कलाकार चंद्रपाल पांजरे के कलाकृतियों की एकल प्रदर्शनी लगाई जा रही है।
चंद्रपाल पांजरे के कृतियों की इस एकल प्रदर्शनी का शीर्षक “सुजनी” है। इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 7 जनवरी 2024 को सायं 4 बजे मुख्य अतिथि भूतपूर्व संपादक एवं लेखक सुनीता ऐरन करेंगी।
प्रदर्शनी के कोऑर्डिनेटर धीरज यादव ने बताया कि चंद्रपाल पांजरे समकालीन कलाकार हैं। इनके चित्रों की प्रदर्शनी देश के अधिकांश राज्यों में लगाई गई है। साथ मे इनके चित्रों के संग्रह भी कई महत्वपूर्ण स्थानों पर हैं। सुजनी कला पर उत्तर प्रदेश की यह पहली प्रदर्शनी होगी।
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