उत्तर प्रदेश में पहली बार नहीं हुई सड़कों पर ईद की नमाज, दिखा नई कानून व्यवस्था का असर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में ईद पर मुख्यमंत्री योगी की अपील का असर नजर आया है। पहली बार ईद की नमाज ईदगाहों और मस्जिदों के अंदर ही हुई है। दो साल बाद ईद पर मस्जिदें और ईदगाह गुलजार नजर आए। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुख्यमंत्री के अपील का समर्थन किया था, नतीजतन, ईद की नमाज ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई। हापुड़ और लोनी (गाजियाबाद) सहित कई क्षेत्रों में जहां मस्जिद और ईदगाहों में जगह कम थी वहां तो अलग-अलग शिफ्ट में लोगों ने नमाज पढ़ी।

लखनऊ के ईदगाह में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लोगों से गले मिलकर उनको ईद की बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी ने ईद के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनादी। उन्होंने कहा कि ईद का त्यौहार खुशी और मेल-मिलाप का सन्देश लेकर आता है। खुशियों का यह त्यौहार सामाजिक एकता को मजबूत करने के साथ ही आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाता है। यह पर्व अमन-चैन और सौहार्द का संदेश देता है। ईद के पर्व पर सभी को सद्भाव तथा सामाजिक सौहार्द को और सु²ढ़ करने का संकल्प लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लोगों से कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत सभी सावधानियां बरतते हुए ईद मनाने की अपील की है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी और विधायक रविदास मेहरोत्रा भी ईदगाह पहुंचे थे। ईदगाह में ईद की नमाज अदा करने हुजूम एकत्र था। यहां पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने नमाज अदा कराई। इस दौरान ईदगाह के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। जिला प्रशासन के साथ यहां पर पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। नगर निगम तथा जलकल के साथ अग्निशमन विभाग के अफसर भी तैनात थे।

यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य में लगभग 32,000 जगह नमाज अदा हुईं। कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हुई। सब लोगों ने खुशी के साथ त्योहार मनाया। आज परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया भी है और इसके लिए भी ड्यूटी लगी है।

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