आयुर्वेद की हक़ीक़त और धोखे-लूट का बाज़ार

डॉ लोक सेतिया- आयुर्वेदाचार्य, स्वतंत्र लेखक और चिंतक

मुझे ऐसे लोग गिद्ध से भी बुरे लगते हैं जो आपदा की दशा में भी छल कपट या गलत दावे कर के पैसा कमाने पर ध्यान देते हैं। आजकल ऐसे विज्ञापनों की भरमार है जो कोरोना से बचाव के नाम पर अपने घटिया उत्पाद बेचने के लिए सरकार का आयुष विभाग का भी नाम उपयोग करते हैं। इनकी मानसिकता हर अवसर को अपने कारोबार के लिए उपयोग करने की होती है। मानवता नहीं होती। जिन में मानवता है आज वो इंसानों को मुफ्त भोजन या हर तरह की सहायता करते दिखाई देते हैं।

कोई उनसे सवाल करे कि आप तो जनकल्याण पर अपना मुनाफ़ा खर्च करने का दावा करते हैं फिर आज तो आपके लिए इम्तिहान है अपनी बनाई सभी ज़रूरत की चीज़ों को गरीबों ज़रूरतमंदों में मुफ्त बांटते। नहीं उनकी समाज सेवा झूठी है और सब दावे चल कपट झूठ हैं। मैं इक आयुर्वेदिक डॉक्टर होने के नाते जानता हूं पिछले पचास साल में आयुर्वेद में कोई शोध कार्य हुआ नहीं और होना संभव भी नहीं था। क्योंकि सरकार की उपेक्षा और जनता की उदासीनता ने ऐसा होने नहीं दिया। क्या आप लाखों रूपये एलोपैथिक ईलाज और डॉक्टर की सलाह फीस पर खर्च नहीं करते हैं , लेकिन जब आयुर्वेदिक दवाओं से उपचार की बात होती है आपको सस्ती घरेलू नुस्खे ध्यान आते हैं।

आयुर्वेदिक डॉक्टर कोई फीस कैसे ले सकता है और जब जड़ी बूटियां दुर्लभ होती गई हैं तब भी आयुर्वेदिक दवा महंगी नहीं होनी चाहिए। अगर इतना पैसा खर्च करना है तो आयुर्वेदिक क्यों बड़े बड़े नर्सिंग होम जाना है। नहीं आपको कभी नहीं लगा कि आपके लिए कब कौन से पैथी अच्छी है।

आपको संक्षिप्त में इतना समझाना चाहता हूं कि , मोटापा कोई बीमारी नहीं जिसका उपचार किसी दवा से हो और आयुर्वेद के नाम पर ये ठगी है। आपके चेहरे के दाग़ ठीक करना भी आयुर्वेद नहीं है। आपकी कोई कमज़ोरी ठीक करने का काम आयुर्वेद का सही उपयोग नहीं है और इनका सच और भी खतरनाक है कि ये किसी डॉक्टर की सलाह से नहीं किसी अभिनेता खिलाड़ी के टीवी विज्ञापन से बिकती हैं जो लोग केवल पैसे के लिए जो खुद कभी नहीं आज़माया उसकी सलाह देकर बहुत अनुचित करते हैं।

कोरोना से बचाव और अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जो टॉनिक आपको बेचने की कोशिश की जा रही है किसी काम की नहीं है। हां कुछ दवाएं हैं जो महंगी भी नहीं हैं मगर आपको उनका उपयोग महीनों करना होता है तब फायदा मिलता है अब उनका उपयोग आपको बचा नहीं सकता है।

अब आपको समझना है तो आयुर्वेद को अपनाने को भविष्य में विचार करना होगा मगर धोखे देने वालों से सावधान रहकर किसी क्वालिफाइड आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिलकर राय ले कर। किसी बाबा के टीवी पर बताने से कभी नहीं। इधर आयुर्वेद को धोखे – लूट का साधन बना लिया है बहुत लोगों ने।

नोट : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत हैं । इस आलेख में दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं।

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