हावड़ा : महाराष्ट्र में रहने वाले 40 प्रवासी मजदूर लाकडाउन के समय काम बंद हो जाने के कारण महाराष्ट्र में लगभग दो महीने से फंसे थे। काम बंद हो जाने के कारण भूखमरी से परेशान न काम न वेतन के चलते परेशान थे। जब ट्रेन चलना शुरू हुआ तो वे लोग महाराष्ट्र से इलाहाबाद अपने गाँव बस्ती जाने के लिए बोरिवली स्टेशन पहुंचे।

वहां रेलवे पुलिस प्रशासन के द्वारा उन्हें मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल हावड़ा कोविड-19 सुपरफास्ट मेल में बैठा दिया। रेलवे पुलिस ने उन्हें कहाँ कि यह ट्रेन इलाहाबाद जायेगी लेकिन रेलवे पुलिस के भूल के कारण वे लोग सुबह हावड़ा स्टेशन पहुंच गये। इस समूह में छोटे छोटे बच्चे एवं बुजुर्ग महिला पुरूष मिला कर कुल 40 लोग थे। सुबह से न खाये पीये वे लोग स्टेशन में पड़े थे।

तभी महाराष्ट्र डीवाइएफआई सचिव प्रीति ने बंगाल डीवाइएफआई राज्य सचिव सायनदीप मित्र को फोन करके यह समस्या बताया। राज्य सचिव ने हावड़ा जिला कमेटी सभापति शैलेंद्र कुमार राय को उनके खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा। डीवाइएफआई, हावड़ा जिला कमेटी सभापति शैलेंद्र कुमार राय के नेतृत्व में सुभाष दे, सोमनाथ गौतम, सरोज दास, पवन सिंह, पी कृष्णा राव ने जाकर उनलोगों से मुलाकात करके उनके खाने का बंदोबस्त किया।

डीवाइएफआई हावड़ा जिला कमेटी सभापति शैलेंद्र कुमार राय ने कहा कि सुबह से ये लोग भूखे प्यासे थे यहाँ की सरकार एवं रेलवे प्रशासन के तरफ से इन लोगों को किसी भी प्रकार की सहायता नही की गयी। छोटे छोटे बच्चे भूखे प्यासे दो दिन से थे।

तमाम प्रवासी मजदूरों को निःशुल्क रेल से ले जाने की बात थी लेकिन इन्हें रेलवे पुलिस के भूल के कारण दो बार टिकट अपने पैसे से कटाकर जाने के लिए बाध्य हुए। शैलेंद्र कुमार राय ने कहा कि हर गरीब जनता की सहायता के लिए डीवाईएफआई हर समय तैयार है।

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