डॉ. आर.बी. दास की रचना…

विचार बहता हुआ पानी है!
यदि आप इसमें गंदगी मिला देंगे तो वह नाला बन जाएगा!
और यदि सुगंध मिला देंगे तो फिर गंगा जल कहलाएगा।
कोशिश कीजिए जिंदगी का हर लम्हा अच्छे से गुजरे,
क्योंकि जिंदगी रहे ना रहे,
मगर अच्छी यादें हमेशा जिंदा रहती है।
कौन किसी से क्या लेता है
और किसी को क्या देता है…
थोड़ा सा हंस लेते हैं, थोड़ा सा हंसा देते हैं,
रिश्तों में यही तो होता है…
हंसना और हंसाना कोशिश है मेरी,
हर कोई खुश रहे यह चाहत है मेरी,
भले ही मुझे कोई याद करे या न करे,
लेकिन हर अपने को याद करना आदत है मेरी…

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

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