कुण्डलिया
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अपराधी नेता बने, गुण्डे ठेकेदार।
नोट उगाही में लगी, पुलिस और सरकार।।
पुलिस और सरकार, स्वयं बारूद बिछाए।
लूट-मार आतंक, और हत्या करवाए।।
घड़ा छलक कर पाप, अभी निकला है आधी।
कृपा करें “देवेंद्र”, न बच पाएँ अपराधी।।
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अपराधी नेता बने, गुण्डे ठेकेदार।
नोट उगाही में लगी, पुलिस और सरकार।।
पुलिस और सरकार, स्वयं बारूद बिछाए।
लूट-मार आतंक, और हत्या करवाए।।
घड़ा छलक कर पाप, अभी निकला है आधी।
कृपा करें “देवेंद्र”, न बच पाएँ अपराधी।।