साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on February 3, 2021 by admin अन्ना! छल कर देश को, किया आप ने पाप। दिल्ली, दिल में देश के, पैदा कर दी “आप”।। पैदा कर दी “आप”, फेंक सत्ता पर पत्ता। सड़ी सियासत देख, उगाया कुक्कुरमुत्ता।। मक्कारी का जोड़, सियासत में नव पन्ना। मजे ले रहे आज, दुबक कर घर में अन्ना।। GDS Recruitment 2021: इंडिया पोस्ट ने दिल्ली डाक सर्कल में 233 पदों पर निकाली वैकेंसी, 10वीं पास भी कर सकते हैं अप्लाई मेरी तन्हाई है (गजल) : पारो शैवलिनी