वाराणसी। अधिकमास के उपाय, अधिकमास में क्या करना चाहिये। 2023 में इस बार श्रावण माह के अंतर्गत अधिकमास प्रारंभ हो गया है। इसे पुरुषोत्तम और मलमास भी कहते हैं। सावन का महीना 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक चलेगा। जबकि 18 जुलाई से अधिक मास प्रारंभ हो गया है, जो 16 अगस्त को समाप्त होगा। अधिकमास में यदि आप 5 उपाय करेंगे तो आपके जो भी संकट हैं वे दूर हो जाएंगे।
अधिकमास में करें ये 5 उपाय :
1. विष्णु जी का करें षोडशोपचार पूजन :
षोडशोपचार पूजन अर्थात 16 तरह से श्रीहरि विष्णु का पूजन करना। ये 16 प्रकार हैं- 1. ध्यान-प्रार्थना, 2. आसन, 3. पाद्य, 4. अर्ध्य, 5. आचमन, 6. स्नान, 7. वस्त्र, 8. यज्ञोपवीत, 9. गंधाक्षत, 10. पुष्प, 11. धूप, 12. दीप, 13. नैवेद्य, 14. ताम्बूल, दक्षिणा, जल आरती, 15. मंत्र पुष्पांजलि, 16. प्रदक्षिणा-नमस्कार एवं स्तुति।
2. विशेष पाठ का वाचन :
इस मास में श्रीमद्भगवतगीता, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ पुरुषोत्तम-माहात्म्य का पाठ, श्रीराम कथा वाचन तथा गजेंद्र मोक्ष कथा का वाचन करता चाहिए। खासककर श्रीमद्भागवत की कथा या गीता के पुरुषोत्तम नाम के 14वें अध्याय का नित्य अर्थ सहित पाठ करना चाहिए। इससे सारे संकटों का समाधान हो जाता है।
3. श्री नृःसिंह भगवान की पूजा :
इस माह में श्रीविष्णु भगवान के श्री नृःसिंह स्वरूप की उपासना विशेष रूप से की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार श्री नृःसिंह भगवान ने इस मास को अपना नाम देकर कहा है कि अब मैं इस मास का स्वामी हो गया हूं और इसके नाम से सारा जगत पवित्र होगा। इस महीने में जो भी मुझे प्रसन्न करेगा, वह कभी गरीब नहीं होगा और उसकी हर मनोकामना पूरी होगी। जो भक्त इस माह में व्रत, पूजा और उपासना करता है वह सभी पापों से छुटकर वैंकुठ को प्राप्त होता है।
4. शालिग्राम पूजा :
इस मास में शालिग्राम की मूर्ति के समक्ष घर के मंदिर में घी का अखण्ड दीपक पूरे महीने जलाना चाहिए।
5. दीपदान, ध्वजादान और पुण्य कर्म :
इस मास में भगवान को दीपदान और ध्वजादान की भी करना चाहिए। इस मास में गौओं को घास खिलानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अधिकमास में किए गए धार्मिक कार्यों का किसी भी अन्य माह में किए गए पूजा-पाठ से 10 गुना अधिक फल मिलता है।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848