कोलकाता। बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कुछ राज्यों में बढ़ाने के बाद उठे विवाद के बीच सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने इसपर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के दायरे को असम और पश्चिम बंगाल (West Bengal) जैसे राज्यों में बढ़ाने के पीछे डेमोग्राफिक असंतुलन एक बड़ी वजह है। दायरा बढ़ाने संबंधी विवाद के बीच पंकज सिंह ने स्पष्ट किया कि हम किसी के अधिकार को छीन नहीं रहे हैं और न किसी के काम में कोई दखल देंगे। पंकज कुमार सिंह ने कहा समय के साथ असम और पश्चिम बंगाल (West Bengal) जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर आबादी में बड़ा बदलाव आया है, भले इसकी जो भी वजह रही हो।
इस बदलाव के चलते कई बार ऐसे राज्यों में बड़े पैमाने पर विद्रोह और आंदोलन भी हुए हैं। इसके साथ सीमा से सटे पड़ोसी राज्यों के कुछ जिलों में वोट देने के तरीके में भी बदलाव हुआ है। डीजी पंकज सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार की ये सोच है कि, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से 50 किमी बढ़ाना घुसपैठियों को पकड़ने में स्थानीय पुलिस (Police) की मदद और सहयोग के तौर पर एक बड़ा कदम होगा। यह नया कदम बीएसएफ के साथ-साथ स्थानीय पुलिस (Police) के लिए भी मददगार साबित होगा।
इससे सीमा पार चल रहे अपराध जैसे ड्रग्स और हथियारों की तस्करी पर लगाम लगेगी। हमने कुछ सीमा से सटे गांवों में एक सर्वे भी किया और पाया कि वहां आबादी में बड़ा बदलाव हुआ है। इसके अलावा डीजी पंकंज सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) के अक्टूबर में दायरा बढ़ाने संबंधी सूचना का भी जिक्र किया। सूचना का जिक्र करते हुए डीजी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीएसएफ को असम, पश्चिम बंगाल (West Bengal) और पंजाब (Punjab) की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के 50 किमी के रेंज में खोज, जब्त और हिरासत का अधिकार स्थानीय पुलिस (Police) के साथ हस्तक्षेप नहीं है। पहले बीएसएफ के लिए ये दायरा 15 किमी था।