उच्च शिक्षा विभाग ने जेयू में प्रशासनिक त्रुटियां खंगालने के लिए समिति बनाई

कोलकाता। महानगर कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग की वजह से एक छात्र की मौत के बाद मचे बवाल में शिक्षा विभाग भी कूद पड़ा है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक जांच समिति का गठन किया गया है। इसका मुख्य काम विश्वविद्यालय में प्रशासनिक त्रुटियों को देखना होगा। चार सदस्यीय समिति अगले दो सप्ताह के भीतर जादवपुर पर संबंधित विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि जादवपुर में विश्वविद्यालय परिसर में प्रथम वर्ष के छात्र की मौत को काफी महत्व से देखा जा रहा है।

आरोप है कि छात्र रैगिंग का शिकार हुआ था। इस मामले की जांच संबंधित जांच एजेंसी द्वारा की जा रही है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय में कई प्रशासनिक खामियां और ढांचागत खामियां राज्य सरकार के ध्यान में आई हैं। खामियों का पता लगाने और समस्या का समाधान करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कुल चार सदस्य हैं।

वे उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष, उच्च शिक्षा विभाग के विश्वविद्यालय विंग के विशेष आयुक्त, सार्वजनिक निर्देश के राज्य निदेशक और उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि अधिसूचना जारी होते ही कमेटी अपना काम शुरू कर देगी। समिति इस संबंध में दो सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट कार्यालय को सौंपेगी।

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उल्लेखनीय है कि जादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए नादिया से आया बंगाली विभाग का प्रथम वर्ष (स्नातक) का छात्र नौ अगस्त को छात्रावास की तीसरी मंजिल की बालकनी से गिर गया। गंभीर रूप से घायल होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अगली सुबह छात्र की मौत हो गई। हॉस्टल में कथित तौर पर उसके साथ रैगिंग की गयी थी। पुलिस ने इस घटना में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।

इनमें जादवपुर के पूर्व और वर्तमान छात्र भी शामिल हैं। उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया है। इस घटना पर हंगामा शुरू हो चुका है। छात्रों की मौत पर न्याय की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस में लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके अलावा कई लोगों ने यूनिवर्सिटी में कहीं भी सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं है, परिचय पत्र क्यों नहीं देखा जाता आदि सवाल उठाए।

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