माकपा का दावा : बंगाल के चुनावी परिदृश्य में वामपंथ कर रहा वापसी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नगर निकाय चुनाव में ‘‘व्यापक धांधली’’ के आरोपों के बीच वाम मोर्चे द्वारा 107 निकायों में से एक पर जीत हासिल किए जाने के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने बुधवार को कहा कि राज्य में वामपंथी दलों की वापसी हो रही है। चक्रवर्ती ने दावा किया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वोट प्रतिशत घट रहा है जहां उसे 2018 के पंचायत चुनावों के बाद से महत्वपूर्ण लाभ मिला था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वाम दल, जो राज्य के चुनावी परिदृश्य में लगभग महत्वहीन हो गए थे, फिर से खोई जमीन हासिल कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इस समय वाम दलों का न तो संसद और न ही विधानसभा में कोई सदस्य है। वाम मोर्चे ने नदिया जिले में ताहेरपुर नगर निकाय में जीत दर्ज की। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 100 से अधिक नगर निकायों में जीत हासिल की। भाजपा को किसी भी नगर निकाय में जीत नहीं मिली है।चक्रवर्ती ने कहा, “व्यापक धांधली के बावजूद वाम दल राज्य में वापसी कर रहे हैं, यह परिणामों से स्पष्ट है क्योंकि जिन जगहों पर लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, वहां हमें मतों का उचित हिस्सा मिला।”

पूर्व लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि राज्य में 27 फरवरी को हुए नगर निकाय चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और उनके रिश्तेदार भी वोट नहीं डाल पाए क्योंकि जब वे मतदान करने पहुंचे तो पता चला कि उनका वोट पहले ही डाला जा चुका है। कमरहाटी नगर निकाय में तृणमूल कांग्रेस के एक उम्मीदवार और उत्तरी दमदम (नगर निकाय) में एक अन्य उम्मीदवार की बेटी वोट नहीं डाल सकी। राज्य में सत्तारूढ़ दल के समर्थकों ने फर्जी वोट डाले जिससे पता चलता है कि तृणमूल कांग्रेस लोगों का विश्वास खो रही है।

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