कोरोना एफेक्ट : सब्जियों के बढ़े दाम से थाली से जायका गायब

उमेश तिवारी। Kolkata Desk : जहाँ एक ओर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन की स्थिति है तो वहीं दूसरी ओर कई ऐसे भी व्यापारी हैं जो इस लॉकडाउन में भी कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं और यही कारण है कि खाद्य तेल के बाद अब फल और सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। पहले से ही लोग सरसों और रिफाइंड तेल की कीमतों से परेशान हैं। अब फल और सब्जियों की बढ़ते भाव ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ, लॉकडाउन के कारण देश की 60 प्रतिशत से अधिक कृषि उत्पाद बाजार समिति यानी मंडियां बंद हैं। इससे किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य में लोकल ट्रेनें बंद होने से किसानों के उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जबकि कई किसान ट्रकों के द्वारा सब्जी मंडियों तक सब्जी पहुंचा रहे हैं जिसके कारण सब्जियों के कीमतों में उछाल आया है। हावड़ा स्टेशन एरिया वेजिटेबल मर्चेंट एसोसिएशन के महासचिव विनय सोनकर ने बताया कि यास चक्रवात के कारण आयात-निर्यात कम हो गया है।

ग्रामीण इलाकों में विशेषकर मेदिनीपुर, बनगांव, 24 परगना, कटवा लाइन से सब्जी हावड़ा मार्केट में पहुंचती थी लेकिन यास के कारण कई जगहों पर पानी भर गया है जिसका सीधा असर सब्जी मार्केट पर पड़ा है। मार्केट से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना के कारण लोकल ट्रेनों को बंद कर दिया गया है जिसके कारण व्यापारी भी कारोबार में रुचि नहीं ले रहे हैं।

लॉकडाउन की पाबंदियों ने किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले लॉकडाउन के मुकाबले इस बार बाजार पर ज्यादा असर पड़ा है। मार्च में फल और सब्जियों की कीमत पिछले साल के मुकाबले ज्यादा थी और फिर बदली परिस्थितियों ने इसे और बढ़ा दिया। जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ रहा है।

वहीं बाजार के जुड़े लोगों का कहना है कि जून तक आंशिक और पूर्ण लॉकडाउन जैसी स्थिति रहेगी। इससे आने वाले दिनों में दाम और भी बढ़ सकते हैं।
बीते कुछ महीनों में सरसों तेल और अन्य खाद्य तेल की कीमतों में बेताहाशा वृद्धि दर्ज हुई है, जो अभी भी बरकरार है। सरसों के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद इसकी कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

सोयाबीन का स्टॉक न होने से मिल सरसों की खरीद कर रही हैं और रिफाइंड बना रही है। इस कारण मांग बढ़ गई है और तेल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। अब आम लोगों के सामने खाद्य तेल के साथ ही बढ़ी हुई फल-सब्जियों की कीमतों ने एक बड़ी चुनौती पेश कर दी है।

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