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देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के अंतिम चार चरणों के चुनाव के लिए किसी भी तरह की रैली या रोड शो पर चुनाव आयोग द्वारा पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया जाना अब बिलकुल अनिवार्य हो गया है। कारण कोई भी राजनीतिक दल अपने चुनाव प्रचार को रोकना नहीं चाहेगी भले ही चुनावों के बाद कोरोना विकराल रूप ले ले और जनता का भी एक बहुत बड़ा वर्ग सब कुछ जानते और समझते हुए भी अपने-अपने दलों के अंध समर्थन में अपनी जान की बाजी लगाकर भी इन चुनावी रैलियों में शामिल हो रहे हैं।
जिससे वे खुद तो संक्रमित हो ही रहे हैं अपने परिवार और पास-पड़ोस को भी संक्रमित कर रहे हैं। आज सभी चुनावी राज्यों में खासकर बंगाल में जहां कि 8 चरणों में चुनाव हो रहा है, कोरोना का चक्र टूटने के बजाय और मजबूत हो रहा है और इसके लिए जिम्मेदार सभी दलों के उच्च पदों पर बैठे हमारे माननीय नेतागण प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और जनता खुद भी है।
साधारण जनता कोरोना की भयावहता को जान कर भी आज अनजान बनी बैठी हुई है तथा अपने-अपने दलों व नेताओं के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभाओं में बिना किसी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किये अपने जान को जोखिम में डाल कर भाग ले रहे हैं। देश में टीकाकरण को जितना हो सके बढ़ाने और मास्क लोगों तक मुफ्त पहंचाने जैसे कदम उठाने की सख्त जरूरत है।
साथ ही लोगों को और भी जागरूक करने की जरूरत है। कारण अभी भी बहुत सारे लोगों की धारणा टीकाकरण के प्रति गलत ही है, अतः जरूरत है ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकरण से जोड़ने की भी, तभी कोरोना के दूसरी लहर को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर इसी तरह से हम भीड़ तंत्र का हिस्सा बनकर कोरोना के चक्र को मजबूत करते रहें तो फिर कोरोना की तीसरी लहर आने से कोई नहीं रोक सकता है और हमारा विनाश तय है।