सामयिक मंच जम्मू कश्मीर पर भक्ति गीतों से छाई रौनक

चण्डीगढ़ । शरद नवरात्रि के छठे दिवस माता कात्यायनी के वंदन में जम्मू कश्मीर के सामयिक परिवेश पटल पर माता के भक्तों ने भक्ति गीतों की गूँज से जम्मू कश्मीर की मनोरम वादियों को भावविभोर कर दिया। पटल पर छाई रौनक से हरेक हृदय में माता के मधुर भजन, कीर्तन और आरती गुंजायमान होने लगे और देखते ही देखते पटल पर अनूठा सा संगम बन गया।

नवदीप जले नव फूल खिले रोज नई बहार मिले की झंकार के बीच मंच का संचालन कर रही सविता राज ने सामयिक परिवेश की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता मेहरोत्रा को माता के चरणों में वंदन के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अपने संबोधन में नवरात्रियों के अवसर पर माता के गुणगान के लिए इस पटल पर टेकू वासवानी, अशोक गोयल, विनोद कश्यप के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी भक्तों के यश, शांति- समृद्धि की कामना की और भक्तों के परिवारों के फलीभूत का आशीर्वाद माँगा।

भक्तिमय वातावरण में देश के विभिन्न क्षेत्रों से पटल पर जुटे भक्तों ने अविलंब भक्तिमय यात्रा आरम्भ की और भजन कीर्तन प्रस्तुत किये। संगीत की बहती गंगा में सुर साधकों और गायिकाओं की मधुर आवाज से मोहित होकर श्रोताओं के कंठ से एक तरफ माता के जयकारे गूंज उठे तो दूसरी ओर भक्तों ने टोलियाँ बनाकर नाचना शुरू किया। गुलशन माँ दुर्गा की भक्ति से महका कर पटल को गौरवान्वित हो गया।

पटल पर चारों ओर माता के विभिन्न स्वरूप माँ कात्यायनी, चिंतपूर्णी, नयनादेवी, जगदंबा, मनसा, काली, राजेश्वरी, शाकुम्भरी, ज्वाला जी के जयकारे गूंजते रहे। माँ दुर्गा के 108 नामों पर भजन, कभी शंख, चक्र, गदा और धनुष रूप धारण करने वाली वैष्णवी का आह्वान होता तो कभी- “इतनी शक्ति हमें देना माता”, “नवरात्रि शुभ दिन आए”, “लगा है माता का दरबार” जैसे भजनों की मंच पर गूंज थी। नीलम व्यास ने- “माँ छवि मनोरम अष्टभुजा की धार”।

कवि रामकिशोर की रचना- “बल शक्ति का हो गया जिसको भी अभियान, धूल धुसरित हो गया निश्चित एक दिन मान” एक और भक्तिगान- “देवी के सम्मुख सब नतमस्तक हैं आज, कर्म सदा ऐसे करें माता को हो नाज” के बाद प्रीति शर्मा के भजन “स्वर्णिम शुचि लगे तप बल है पहचान” के बाद दिलीप कुमार दीप, सुमन मेहरोत्रा, मीना, अन्नपूर्णा, सुषमा गर्ग, सपना अग्रवाल, बृज किशोर, जेपी अग्रवाल, किशन लाल कहार, पुष्पा बुकल जैसे कवियों ने सभी के शरीर में ऊर्जा शक्ति बढ़ाने का प्रयास किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen + eleven =