।।आह्वान।।
सभ्यता प्राचीनतम, संस्कृति का परचम
लहराता जग में हमारा हिन्दुस्थान है
हिमगिरि ताज है तो पयोधि पखारे पाँव
नभ में तिरंगे से हमारी पहचान है
पहचान खो न जाये, ध्वज हरा हो न जाय
जो कि म्लेच्छ दानवों का दिली अरमान है
इसलिये आएँ और हिन्दुत्त्व बचायें क्यों कि
भगवा है तभी तक तिरंगे में जान है
डीपी सिंह