डीपी सिंह की रचनाएं

जनता को भरमाया, शिक्षा-नीति ने चढ़ाया
भारत के युवाओं को नौकरी के झाड़ पे

जोड़ घटा गुणा भाग, देखते ही रहे भाग
बच्चों को पहाड़े लगे लगने पहाड़-से

राजनीति शिक्षा पर हुई ऐसी हावी अब
ज्ञान झाँकता है कहीं पीछे से किवाड़ के

इतिहासकारों-सरकारों में थी प्रीति जैसे
कुक्कुटों को दाने और कुक्कुरों को हाड़ से

–डीपी सिंह

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