दो कोल्हू के पाट हैं, इक ईडी इक जेल
आयेगा बाज़ार में, जल्द नवाबी तेल
जल्द नवाबी तेल, बसा जो खूं में घुल कर
राजनीति ने ख़ूब, खेल खेला है खुल कर
विनती है सरकार, इन्हें मत और मान दो
अस्पताल का नहीं, जेल का खान-पान दो
–-डीपी सिंह
दो कोल्हू के पाट हैं, इक ईडी इक जेल
आयेगा बाज़ार में, जल्द नवाबी तेल
जल्द नवाबी तेल, बसा जो खूं में घुल कर
राजनीति ने ख़ूब, खेल खेला है खुल कर
विनती है सरकार, इन्हें मत और मान दो
अस्पताल का नहीं, जेल का खान-पान दो
–-डीपी सिंह