साहित्यडीपी सिंह की रचनाएं Posted on October 22, 2021 by admin कुण्डलिया जैसे ही लेते चरस, गिरी किसी पर गाज बोने चरस समाज में, निकले नेता आज निकले नेता आज, त्याग कर काज राज के करते गन्दे काज, बने हैं कोढ़ खाज के कह डीपी कविराय, घृणित हैं नेता ऐसे हैं थाली के छेद, असल में इनके जैसे डीपी सिंह Post Views: 5 चीन में कोविड फिर लौटा, प्रकोप से स्कूल, पर्यटन स्थल हुए बंद अखाड़ा परिषद में फूट, सात अखाड़ों ने चुना अपना अध्यक्ष