डीपी सिंह की रचनाएं

कुण्डलिया

दे दो सत्तर साल तक, आरक्षण की भीख
या संरक्षण में उन्हें, बीस बरस दो सीख
बीस बरस दो सीख, किन्तु कायर कब सीखैं
हमें बचाओ हाय, देस-दुनिया में चीखैं
अण्डे देते काक, कोयलो! उनको “से” दो
अपना धन श्रम नीड़, सभी कुछ उनको दे दो

डीपी सिंह

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